नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस दौरान केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अतिरिक्त खाद्यान्न के आवंटन को मंजूरी दे दी। इसके तहत अगले पांच महीने यानी जुलाई से लेकर नवंबर 2021 तक 81.35 करोड़ लाभार्थियों को हर माह मुफ्त में प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज मिलेगा। इसके लिए कुल 67,266.44 करोड़ रुपये खर्च होगा।
भारत सरकार इस योजना के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के किसी भी योगदान के बिना पूरा खर्च वहन कर रही है। ऐसे में परिवहन, हैंडलिंग और एफपीएस डीलरों के मार्जिन आदि के लिए लगभग 3,234.85 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय की आवश्यकता होगी। इस तरह से भारत सरकार द्वारा वहन किया जाने वाला कुल अनुमानित व्यय 67,266.44 करोड़ रुपये होगा। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अधिकतम 81.35 करोड़ व्यक्तियों को पांच महीने तक प्रति माह 5 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न देने की मंजूरी से 64,031 करोड़ रुपये की अनुमानित खाद्य सब्सिडी की आवश्यकता होगी।
केंद्र ने जानकारी दी है कि खाद्यान्न के मामले में कुल खर्च लगभग 204 एलएमटी हो सकता है। अतिरिक्त आवंटन से कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक परेशानी के कारण गरीबों को होने वाली कठिनाइयों में कमी आएगी। अगले पांच वर्षों में किसी भी गरीब परिवार को खाद्यान्न की अनुपलब्धता के कारण परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि लोगों को गेहूं या चावल क्या आवंटित करना है? इसका फैसला खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा किया जाएगा। साथ ही, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग प्रतिकूल मौसम की स्थिति जैसे मानसून, बर्फबारी, आदि के साथ-साथ कोरोना और आपूर्ति श्रृंखला के कारण उत्पन्न होने वाली परिचालन आवश्यकताओं के अनुसार पीएमजीकेएवाई के चरण III और चरण IV के तहत वितरण अवधि पर निर्णय ले सकता है।