घंटाघर रामलीला में विश्वामित्र द्वारा राम-लक्ष्मण को ले जाना, ताड़का वध व श्रवण कुमार नाटक

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गाजियाबाद। श्री सुल्लामल रामलीला घंटाघर में विश्वामित्र द्वारा राम-लक्ष्मण को ले जाना, ताड़का वध व श्रवण कुमार नाटक तक की लीला का मंचन हुआ। दो दिन से लगातार रुक रुक के बारिश हो रही है जिस के चलते लीला परिसर व मेला परिसर में पानी भर गया जिसको कमेटी के पदाधिकारियों ने निगम की सहायता से जल निकासी की व्यवस्था की। साथ ही लीला को सुंदर व सुचारू रूप से करने के भरपूर प्रयास किए जिसके चलते लीला का मंचन किया गया। लीला का मंचन सोशल मीडिया पर लाइव भी दिखाया गया। इससे जो राम भक्त लीला स्थल पर नहीं पहुंच सके वह अपने निवास पर ही लीला का आनंद ले सके।
लीला मंचन में असुरों द्वार वन में ऋषि मुनियों के हवन यज्ञ में बाधा उत्पन्न करने पर ऋषि विश्वामित्र ने असुरों के नाश के लिए राजा दशरथ से प्रभु श्री राम व लक्ष्मण को मांगा। राम व लक्ष्मण द्वारा असुरों का वध किया, साथ ही कलाकारों ने ताड़का वध की लीला का भावपूर्ण मंचन किया। भीषण युद्ध में ताड़का का अंत हुआ। ताड़का का वध होते ही उपस्थित लोग प्रभु श्रीराम के जयकारे लगाने लगे। इसके उपरांत श्रवण कुमार के वध का मंचन किया गया। श्रवण कुमार लीला ने दर्शकों को भावुक कर दिया। राजा दशरथ शिकार पर गए थे, जहां गलती से उन्होंने जो तीर चलाया वह श्रवण कुमार को लग गया। दशरथ का श्रवण कुमार के माता-पिता के लिए जल ले जाना और श्रवण के माता पिता को श्रवण कुमार की मृत्यु का समाचार मिलने पर राजा दशरथ को श्राप देने का दृश्य भावुक करने वाला था।
लीला में अध्यक्ष वीरू बाबा, उस्ताद अशोक गोयल, कार्यवाहक महामंत्री दिनेश शर्मा, ज्ञान प्रकाश गोयल, राजेन्द्र मित्तल मेंदी वाले, शिव ओम बंसल, संजीव मित्तल, अनिल चौधरी, आलोक गर्ग, देवेंद्र मित्तल, राघवेंद्र शर्मा, नंदकिशोर नंदू, मोहित मित्तल, राजेश बंसल, रविंद्र मित्तल, अतुल गुप्ता, विजय गोयल, विनोद गोयल, नीरज गोयल आदि मौजूद रहे।


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