- राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज, एडवोकेट चेम्बर व मल्टीलेवल पार्किंग का शिलान्यास किया
लखनऊ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रयागराज में उच्च न्यायालय इलाहाबाद परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज तथा 640.37 करोड़ रुपए की धनराशि से निर्मित होने वाले एडवोकेट चेम्बर व मल्टीलेवल पार्किंग का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि सचमुच में यह दोनों ही कार्य न्याय प्रदान करने सम्बन्धी व्यवस्था में सराहनीय प्रयास है। विधि शिक्षण और न्याय प्रणाली में व्यापक सुधारों के लिए भारत की न्यायपालिका तथा केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा मिलकर निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों के लिए केन्द्र और राज्यों के स्तर पर विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की ओर से सहयोग करने वाले सभी लोग प्रशंसा के पात्र हंै।
राष्ट्रपति ने कहा कि इतिहास की दृष्टि से इलाहाबाद हाईकोर्ट, भारत में स्थापित किया गया चौथा हाईकोर्ट है। यह हाईकोर्ट देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य में न्याय प्रदान करने की जिम्मेदारी निभाता है। न्यायधीशों की संख्या की दृष्टि से यह देश का सबसे बड़ा हाईकोर्ट है, परन्तु इन सभी तथ्यों से अधिक महत्वपूर्ण है, इलाहाबाद हाईकोर्ट की परम्परा, जिसमें महामना मदन मोहन मालवीय, मोती लाल नेहरू, तेज बहादुर सपू्र, राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन एवं कैलाष नाथ काटजू जैसे प्रखर व राष्ट्रप्रेमी अधिवक्ताओं ने इसी परिसर में भारतीय इतिहास के अनेक गौरवशाली इतिहास लिखे हैं। इस हाईकोर्ट की बेंच व बार के प्रबुद्ध सदस्यों ने समाज व देश को वैचारिक नेतृत्व भी प्रदान किया है।
1921 में भारत की पहली महिला वकील कॉर्नेलिया सोराबजी को पंजीकृत करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था, जो महिला सशक्तीकरण की दिशा में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का भविष्योन्मुखी निर्णय था। हम सभी जानते हंै, पिछले महीने न्यायपालिका में महिलाओं की भागीदारी कर इतिहास रचा गया। सर्वाेच्च न्यायालय में तीन महिला न्यायाधीशों सहित नौ न्यायाधीशों की नियुक्ति की स्वीकृति प्रदान की गयी थी। आज उच्चतम न्यायालय में नियुक्त कुल 33 न्यायधीशों में 4 महिला न्यायधीशों की उपस्थिति न्यायपालिका के इतिहास में आज तक की अधिकतम संख्या है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विधि के समक्ष समता प्रदान करने वाले अनुच्छेद 14 तथा जीवन और व्यक्तिगत स्वतन्त्रता को सुनिश्चित करने वाले अनुच्छेद 21 के तहत सभी नागरिकों को यह मूलभूत अधिकार है कि न्याय उनकी पहुंच में हो। प्रयागराज की एक प्रमुख पहचान शिक्षा के केन्द्र के रूप में रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका तथा शिक्षा के केन्द्र के रूप में प्रयागराज की प्रतिष्ठा को देखते हुए इस विधि विश्वविद्यालय के लिए प्रयागराज ही सर्वोत्तम स्थान चुना गया। उन्होंने विधि विश्वविद्यालय हेतु जमीन चिन्हित कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश तथा उनकी पूरी टीम की सराहना की। राज्यपाल के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री जी के सक्रिय निर्देशन में हो रही प्रगति के लिए उन्हें और उनकी टीम को बधाई दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि कानून के शासन पर आधारित व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। विश्वस्तरीय विधि शिक्षा हमारे समाज व देश की प्राथमिकताओं में से एक है। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि पिछले माह 28 अगस्त को राष्ट्रपति ने गोरखपुर में उत्तर प्रदेश के प्रथम आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी थी, आज उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय व हाईकोर्ट में नवीन निर्माण कार्यों का शिलान्यास कर रहे हैं। यह उनका उत्तर प्रदेश के प्रति लगाव ही है, जो उन्हें यहां बार-बार आने की प्रेरणा देता है। यह प्रदेश राष्ट्रपति की जन्मस्थली भी है, इसलिए इसके विकास के प्रति उनका लगाव स्वाभाविक है।
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति एनवी रमना ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का 150 वर्षों से अधिक का गौरवशाली इतिहास रहा है। इलाहाबाद बार एवं बेंच ने देश के महान कानूनविदों को गढ़ा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूरी दुनिया त्रिवेणी की इस धरती पर संगम में स्नान करके अपने जीवन में सफलता की कामना को लेकर कर आती है। आम जनमानस त्रिवेणी की इस धरती पर धर्म, न्याय और शिक्षा के इस प्रमुख केंद्र से प्रत्यक्ष अनुभूति पा करके अपने आप को धन्य महसूस करता है। उन्होंने कहा कि आज का दिन उत्तर प्रदेशवासियों के लिए महत्वपूर्ण दिन है। वर्षों से लम्बित परियोजनाओं का शुभारम्भ राष्ट्रपति जी के कर-कमलों से हुआ है, जिसकी दशकों से तमन्ना प्रयागराजवासियों और उत्तर प्रदेश वासियों को थी। प्रदेश में 599 न्यायिक कक्ष वर्तमान में बनाये जाने है, जिसमें से 311 तैयार हो चुके है और 288 निमाणार्धीन हंै। मा0 न्यायाधीशों की आवासीय व्यवस्था के लिए प्रदेश सरकार की ओर से 611 आवास स्वीकृत किये गये थे, जिसमें से 247 बन कर तैयार हैं और 364 वर्तमान में निमार्णाधीन हंै।
केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि प्रयागराज एक ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थल होने के साथ-साथ पूरे उत्तर भारत में न्याय एवं शिक्षा का अत्यंत महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने सम्बोधन में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के गौरवशाली इतिहास एवं न्याय क्षेत्र में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा स्थापित किये गये उल्लेखनीय मापदण्ड के बारे में विस्तार से अपने विचार व्यक्त किये। राष्ट्रपति ने कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता स्व. आनंद भूषण के चित्र का अनावरण किया। कार्यक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्थापना एवं उसके गौरवशाली इतिहास के बारे में प्रस्तुतीकरण भी किया गया।
कार्यक्रम के अन्त में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह बहुत ही अविस्मरणीय पल है। इस अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विनीत सरन, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी व न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, प्रदेश के विधायी, न्याय मंत्री बृजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी सहित अन्य जनप्रतिनिधि,न्यायमूर्ति एवं वरिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित रहे।