लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेक इन इंडिया संकल्पना को साकार करने में उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह कॉरिडोर रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर एक ग्रीन-फील्ड परियोजना है। यह परियोजना डिफेंस तथा एयरोस्पेस उद्योग के लिए ही नहीं, अपितु परियोजना क्षेत्र में स्थापित, रक्षा क्षेत्र से सम्बन्ध न रखने वाली एमएसएमई इकाइयों तथा स्टार्टअप के लिए भी लाभकारी होगी। सीएम योगी सीआईआई-इंडिजेनाइजेशन समिट आॅन डिफेंस एंड एयरोस्पेस-2021 (सीआईआई-आईएसडीए-2021) को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने विश्वास जताया कि इस समिट के माध्यम से ऐसे उपयोगी सुझाव प्राप्त होंगे, जो प्रधानमंत्री की भावना के अनुरूप रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उपयोगी सिद्ध होंगे। इंडिया मार्चिंग टुवर्ड्स सेल्फ-रिलायन्स इन डिफेंस एंड एयरोस्पेस थीम पर आधारित इस समिट का आयोजन सीआईआई, यूपीडा तथा सोसाइटी आॅफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) द्वारा संयुक्त रूप से 28 से 31 जुलाई तक किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के विकास के मॉडल को पूरी प्रतिबद्धता से लागू किया है। विगत 4 वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री की प्रेरणा व मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने जो पहल की है, उसने देश व दुनिया में उत्तर प्रदेश के सम्बन्ध में लोगों की धारणा में परिवर्तन किया है। अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेन्स नीति से उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 के केन्द्रीय बजट में देश में 2 डिफेंस कॉरिडोर स्थापित किये जाने की घोषणा की गयी थी। फरवरी, 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा लखनऊ में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट का शुभारम्भ किया गया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश में डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की घोषणा की गयी थी। इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त 4.68 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों में से 3 लाख करोड़ रुपए के एमओयू क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, झांसी, कानपुर तथा लखनऊ में 6 नोड चिन्हित किये गये हैं। सभी 6 नोड्स में लगभग 15 सौ हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है। इस परियोजना के प्रति निवेशकों एवं उद्यमियों के उत्साह को देखते हुए निर्देश दिये गये हैं कि जहां पर भूमि की मांग अधिक है, वहां भूमि क्रय की जाए। अलीगढ़ नोड में सड़क, बिजली एवं पानी की सुविधा विकसित करने की प्रक्रिया गतिमान है। अलीगढ़ नोड में लगभग 74 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गयी है, जिसका लगभग पूर्ण रूप से आवंटन 19 इकाइयों में हो चुका है। इनके माध्यम से कुल 1500 करोड़ रुपये का निवेश सम्भावित है। अलीगढ़ नोड का शिलान्यास अगस्त, 2021 में प्रस्तावित है। कॉरिडोर के विकास में प्रधानमंत्री तथा रक्षा मंत्री का निरन्तर मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। समिट को अपर मुख्य सचिव गृह एवं यूपीडा के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी, एसआईडीएम के प्रेसिडेंट जयन्त पाटिल, एसआईडीएम यूपी चैप्टर के चेयरमैन सचिन अग्रवाल, सीआईआई नॉर्दर्न रीजन कमेटी आॅन डिफेंस एंड एयरोस्पेस के चेयरमैन मनोज गुप्ता एवं को-चेयरमैन अमिता सेठी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, विशेष सचिव मुख्यमंत्री अमित सिंह आदि मौजूद रहे।