शनि शिंगणापुर, शनि देव का सबसे प्रसिद्ध सिद्धपीठ है। ये महाराष्ट्र के शिंगणापुर नामक एक गांव में स्थित है। दर्शन करने मात्र सें शनि देव के प्रकोप से बचा जा सकता है। इस गांव में शनि देव का प्रभाव इतना ज्यादा है कि इस गांव में कभी कोई चोरी नहीं होती। अगर कोई बाहरी व्यक्ति आकर यहां चोरी करता है, तो गांव की सीमा पार करने से पहले ही शनि देव उसे दण्डित कर देते हैं, इसलिए सैकड़ों वर्षों से इस गांव में कोई भी अपने घर में ताला नहीं लगाता है।
मान्यता है कि यहां के मंदिर में शनि देव की प्रतिमा का तेल से स्नान कराने से शनि की साढ़ेसाती या महादशा के प्रकोप से बचा जा सकता है। यहां पर शनिदेव खुले आसमान के नीचे एक काली चट्टान के रूप में स्थापित हैं।
शनि देव देवताओं के दण्डाधिकारी हैं। वो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार दण्ड का विधान करते हैं। ऐसे में सिद्धपीठों के दर्शन करने मात्र सें शनि देव के प्रकोप से बचा जा सकता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनि देव को भगवान शिव की तपस्या से दण्डाधिकारी का पद मिला है। शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार दण्ड का विधान करते हैं। मान्यता है कि शनि देव का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में एक बार अवश्य पड़ता है। तब मनुष्य क्या देवता और असुरों को भी अपने किए हुए गलत कार्यों का परिणाम भुगतना पड़ता है। कई बार शनि देव के दिए हुए ये दण्ड बहुत कठिन और हानिकारक हो जाते हैं।