गाजियाबाद। मुरादनगर स्थित आईटीएस डेंटल कॉलेज के ओरल पैथोलॉजी विभाग के द्वारा इंडियन एसोसिएशन फॉरेंसिक आफ ओडोनटोलॉजी के सहयोग से तीन दिवसीय 20वें नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कॉन्फ्रेंस में देश के लगभग 40 डेंटल कॉलेजों के 400 से अधिक बीडीएस छात्र-छात्राएं, इंटर्न एवं एमडीएस के विद्यार्थियों के साथ-साथ सभी दंत विभागों के एचओडी तथा दंत चिकित्सक शामिल हुए। कार्यक्रम में प्रतिभागियों द्वारा अलग-अलग श्रेणी के अंतर्गत 100 से अधिक पोस्टर प्रसेंटेशन और 150 पेपर प्रजेंटेशन प्रस्तुत किए गए, जिनका मूल्यांकन सीनियर फैकल्टी द्वारा किया गया तथा प्रथम स्थान हासिल करने वाले प्रतिनिधियों एवं सर्वश्रेष्ठ पेपर और पोस्टर प्रसेंटेशन के लिए प्रतिनिधियों को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र दिये गये। कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य फॉरेंसिक ओडोनटोलॉजी और इसके अनुप्रयोगों की महत्वता को समझाना था। कार्यक्रम की शुरूआत में पहले दिन प्रीकॉन्फ्रेंस हैंड्स-आन कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. जयशंकर पी. पिल्लई द्वारा फॉरेंसिक डेंटल एंथ्रोपोलॉजी फंडामेंटल्स एंड प्रैक्टिकल अप्रोच एवं फॉरेंसिक फेशियल एप्रोक्सीमेशन बेसिक्स एंड बियॉन्ड विषय पर क्रमश: डॉ. अमन चौधरी, डॉ. दीपिका बबलानी और डॉ. प्रियंका कपूर द्वारा लेक्चर प्रस्तुत किये गये। प्रत्येक पाठ्यक्रम में लगभग 20 से अधिक प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्ण भाग लिया जिसमें उन्हें इन विषय के बारे में गहन जानकारी प्रदान की गयी। लेक्चर के दौरान प्रतिभागियों को बताया गया कि फोरेंसिक विज्ञान में शरीर रचना विज्ञान, मानव विज्ञान और अस्थि विज्ञान के विभिन्न विषय शामिल है।
दूसरे दिन कार्यक्रम का उद्घाटन सांस्कृतिक एकता को प्रदर्शित करने वाले एक सांस्कृतिक कार्यक्रम और सर्वशक्तिमान नवदुर्गा एक्ट का प्रदर्षन करके किया गया। इसके बाद आई.ए.एफ.ओ. संघ के प्रेसिडेंट, डॉ. एस. बालागोपाल और ओनोर्री सेक्रेटरी डॉ. आशित बी. आचार्य तथा आईटीएस-द एजुकेशन के चेयरमैन डॉ. आर.पी. चड्ढा एवं वाईस चेयरमैन अर्पित चड्ढा और संस्थान के डायरेक्टर-प्रिंसिपल डॉ. देवी चरण शेट्टी तथा डॉ. अंशी जैन, कॉन्फ्रेंस चेयरपर्सन प्रोफेसर के द्वारा मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्जवलित करके किया गया। इसके बाद डॉ. अंशी जैन, प्रोफेसर ओरल पैथोलॉजी विभाग के द्वारा सभी गणमान्य अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का सम्पूर्ण परिचय डॉ. देवी चरण शेट्टी द्वारा दिया गया, इसके बाद सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा कॉन्फ्रेंस के सौउविनिर्य का अनावरण किया गया। इसके बाद डॉ. एस. बालागोपाल द्वारा आई.ए.एफ.ओ. एसोसिएशन के उद्देश्य, दृष्टिकोण और कार्यविधि के बारे में सभी प्रतिभागियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह एसेसिएशन एक लंबा समय तय कर चुकी है और उन्होंने इससे संबधित विशिष्टताओं और अंतर-अनुशासनात्मक उपचार दृष्टिकोण के साथ इस तरह के जुड़ाव के लिये समय की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। इसके बाद डॉ. आशित बी. आचार्य द्वारा आई.ए.एफ.ओ. की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। इसके बाद आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन डॉ. आर.पी. चड्ढा को शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिये डॉ. आशित बी. आचार्य एवं डॉ. एस. बालागोपाल द्वारा सम्मानित किया गया। मुख्य उद्घाटन सत्र के बाद विश्व प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं द्वारा विभिन्न व्याख्यान प्रस्तुत किये गये, जिसमें विशेष रूप से ओस्लो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर (एसोसिएट) डॉ0 सिग्रीड क्वाल का अंतर्राष्ट्रीय व्याख्यान आकर्षक रूप से शामिल था। डॉ0 सिग्रीड के पास नॉर्वे में फोरेंसिक दंत मामलों को सुलझाने में 40 वर्षों से अधिक का अनुभव है। इसके अलावा राष्ट्रीय वक्ताओं डॉ. सोनाली गणेश कदम, प्रोफेसर एकेडमिक गवर्नमेंट डेन्टल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मुंबई और डॉ. आशित बी. आचार्य ने समाज में फोरेंसिक ओडोंटोलॉजी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सभा को संबोधित किया। प्रत्येक सत्र के बाद सम्मानित अध्यक्षों द्वारा विशिष्ट वक्ताओं को प्रमाणपत्र वितरण किये गये। तीसरे दिन में डॉ. जे. आॅगस्टीन, फेलो और फैकल्टी, इंडियन बोर्ड आॅफ फॉरेंसिक ओडोंटोलॉजी, प्रोफेसर, ओरल पैथोलॉजी और फॉरेंसिक ओडोंटोलॉजी विभाग, मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट आॅफ डेंटल साइंसेज, दिल्ली और डॉ. जयशंकर पी. पिल्लई, फेलो, इंडियन बोर्ड आॅफ फॉरेंसिक ओडोंटोलॉजी, लेक्चरर, ओरल पैथोलॉजी और फॉरेंसिक ओडोंटोलॉजी विभाग, जी.डी.सी. अहमदाबाद नें सभी प्रतिभागियों को फॉरेंसिक ओडोंटोलॉजी के विषय पर मुख्य लेक्चर प्रस्तुत किये। इसके साथ ही फॉरेंसिक ओडोंटोलॉजी के बारे में अधिक जानकारी प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय वक्ता, डॉ. जॉन बकेर्टा, फॉरेंसिक ओडोंटोलॉजी यूनिट, एडिलेड विश्वविद्यालय, आॅस्ट्रेलिया द्वारा साझा की गई, जहां उन्होंने इनशाइनरोशन के मामलों में फोरेंसिक दंत पहचान के बारे में बताया। इसके साथ ही डॉ. अब्राहम जॉनसन, अस्सिटेंट प्रो., स्कूल आॅफ मेडिकोलीगल स्टडीज, नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी एवं डॉ. हुमीरा, कंसलटेंट फॉरेंसिक ओडोंटोलॉजीस्ट, डी.वाई. पाटिल डेन्टल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, पुणे द्वारा भी गेस्ट लेक्चर प्रस्तुत किये गये, जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों को नवीनतम ज्ञान प्रदान किया। पूरे कार्यक्रम के दौरान परिसर में विभिन्न कॉलेजों से आये प्रतिनिधियों द्वारा जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली। समापन समारोह में डॉ. निकिता गुलाटी, आॅर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी आई.ए.एफ.ओ. कॉन्फ्रेंस, रीडर, ओरल पैथोलॉजी विभाग द्वारा सभी गणमान्यों अतिथियों एवं सभी प्रतिभागियों को इस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिये धन्यवाद दिया। अंत में सभी अतिथि वक्ताओं ने तथा सभी प्रतिभागियों ने इस कॉन्फ्रेंस के आयोजन के लिये आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन डॉ. आरपी चड्ढा तथा वाईस चेयरमैन अर्पित चड्ढा को धन्यवाद दिया।