- कोविड के नए वैरिएंट पर सतत नजर रखी जाए
- सभी नए मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए
- कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा
- भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क को जागरूक किया जाए
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में कोविड से बचाव के लिए ट्रेस, टेस्ट, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की रणनीति सफल सिद्ध हुई है। संभव है आने वाले कुछ दिनों में नए केस में बढ़ोतरी हो, ऐसे में हमें अलर्ट रहना होगा। यह समय घबराने का नहीं, बल्कि सतर्क और सावधान रहने का है। कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा।
मुख्यमंत्री यहां लोक भवन में कोविड प्रबंधन के लिए गठित टीम-09 के साथ उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड के नए वैरिएंट पर सतत नजर रखी जाए। सभी नए मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। प्रतिदिन होने वाली टेस्टिंग की संख्या को बढ़ाये जाने के निर्देश दिए हैं। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि यद्यपि विभिन्न देशों में विगत एक सप्ताह से कोविड के नए केस में बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश में स्थिति सामान्य है। दिसम्बर माह में प्रदेश की कोविड पॉजिटिविटी दर 0.01 प्रतिशत रही है। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 62 है। विगत 24 घण्टे में 27,208 हजार टेस्ट किए गए और एक भी नए मरीज की पुष्टि नहीं हुई। इसी अवधि में 33 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन एवं बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को सक्रिय करते हुए लोगों को जानकारी दी जाए। गंभीर तथा असाध्य रोगों से ग्रस्त लोगों एवं बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की बदलती परिस्थितियों पर सूक्ष्मता से नजर रखी जाए। चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग बेहतर समन्वय के साथ तैयारी करें। राज्य स्तरीय स्वास्थ्य सलाहकार समिति के परामर्श के अनुसार आगे की नीति तय की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार से सतत संपर्क एवं संवाद बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड प्रबंधन में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कन्ट्रोल सेन्टर (आईसीसीसी) की उपयोगिता का हम सभी ने अनुभव किया है। उन्होंने गृह, स्वास्थ्य और नगर विकास विभागों को परस्पर समन्वय के साथ आईसीसीसी को फिर से सक्रिय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मंत्रजहां बीमार-वहीं उपचार की भावना के अनुरूप ग्राम प्रधानों, एएनएम, आशा बहनों तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का सहयोग लिया जाए। कोविड के खिलाफ अब तक की लड़ाई में इन सभी ने बड़ी भूमिका निभाई है। इस वर्ग को पुन: सक्रिय करें, ताकि यह अपने क्षेत्रों में बीमार व कोविड के लक्षण युक्त लोगों पर नजर रखें तथा जरूरत के अनुसार उन्हें तत्काल अस्पताल/डॉक्टर की सेवाएं उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संक्रमण से बचाव में टीके की उपयोगिता स्वयंसिद्ध है। 39.06 करोड़ वैक्सीनेशन डोज के साथ उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टीका लगाने वाला राज्य है। प्रदेश में 4.48 करोड़ प्रिकॉशन डोज भी लगाए जा चुके हैं। कोविड के नए वैरिएंट के दृष्टिगत प्रिकॉशन डोज लगाए जाने के कार्य में तेजी की अपेक्षा है। लोगों को कोविड वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज की जरूरत और उपयोगिता के बारे में जागरूक किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान अस्पतालों के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया गया था। सभी जनपदों में आईसीयू तथा वेन्टिलेटर की उपलब्धता के साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई थी। सभी अस्पतालों में चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता, डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सभी अस्पतालों में पर्याप्त संसाधन होने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों की अद्यतन आवश्यकताओं का परीक्षण करते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों के नए पद सृजित किए जाएं। पुराने पदों में कोई कटौती न की जाए। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता के साथ किया जाए। अच्छी गुणवत्ता के साथ दवाएं कम कीमत पर उपलब्ध हों, यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में जीवन रक्षक दवाओं की कमी न हो। मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन की कार्यपद्धति को बेहतर किये जाने की जरूरत है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के स्तर से विभाग के कार्यों की समीक्षा की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज लक्ष्य के सापेक्ष विगत दिनों 6 जनपदों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे। इसके लिए 42 कंपनियों/संस्थाओं ने अपनी रुचि दिखाई है। योग्य और समर्थ संस्था का चयन कर यथाशीघ्र मेडिकल कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए।