- डीटीओ ने रामा मेडिकल कॉलेज में कोर कमेटी की बैठक में दिए निर्देश
- डीआरटीबी सेंटर का भी निरीक्षण किया
हापुड़। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने पिलखुवा स्थित रामा मेडिकल कॉलेज में कोर कमेटी की बैठक की। बैठक में डीटीओ ने निर्देश दिए कि किसी भी रोगी से टीबी की जांच और उपचार का शुल्क न वसूला जाए और हर रोगी का नोटिफिकेशन अवश्य कराया जाए। मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में आने वाले रोगियों में टीबी से मिलते-जुलते लक्षण वाले रोगियों की जांच अवश्य कराई जाए। कोर कमेटी की बैठक में मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसीपल डा. एनके पाठक, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डा. नरेश कुमार, डा. राजेंद्र सैनी, डा. हर्ष सिंह, डा. अंबरीश, डा. इरा सिंह, डा. जुगल कुमार अग्रवाल और डा. आरुषि कुमार के अलावा क्षय रोग विभाग से वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक हसमत अली मौजूद रहे।
डीटीओ डा. सिंह ने मेडिकल कॉलेज में संचालित डीआरटीबी (ड्रग रजिस्टेंट टीबी) सेंटर का निरीक्षण किया और निर्देश दिए कि मल्टी ड्रग रजिस्टेंट टीबी के रोगियों को भर्ती कर उपचार उनकाकरें। इसके साथ ही डीटीओ ने और क्षय रोगियों को गोद लेकर सामाजिक व भावनात्मक सहयोग करने की भी अपील की। डा. सिंह ने मेडिकल कॉलेज द्वारा पहले से गोद लिए गए क्षय रोगियों को दिए जा रहे पुष्टाहार और नियमित दवा खाने के बारे में भी जानकारी ली और निर्देश दिए कि क्षय रोगियों को समय – समय पर भावनात्मक सहयोग भी प्रदान करते रहें। डीटीओ ने कहा- कोमोर्बिड क्षय रोगियों, यानि एचआईवी या किसी अन्य बीमारी से ग्रसित रोगियों की सभी जांच निशुल्क कराएं।
हरकस्तूरी चेरिटेबल ट्रस्ट ने 24 क्षय रोगी गोद लिए
मैरिनो इंडसट्रीज लिमिटेड की ओर संचालित श्री हरकस्तूरी चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से बृहस्पतिवार को 24 क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार वितरित किया गया। ट्रस्ट ने उपचार जारी रहने तक हर माह पुष्टाहार के साथ सामाजिक और भावनात्मक सहयोग उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह और ट्रस्ट की ओर से डा. दिनेश अग्रवाल व डा. पीएस अग्रवाल ने अपने कर कमलों से क्षय रोग को पुष्टाहार प्रदान किया। इस मौके पर डीटीओ ने क्षय रोगियों से कहा – चिकित्सक की सलाह के बिना टीबी की दवा खाना कतई न छोड़ें। बीच में दवा छोड़ने से रोग बिगड़ जाता है। अधिकतर मामलों में छह माह तक नियमित रूप से दवा खाने पर क्षय रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है। खानपान का ध्यान रखें। उच्च प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करें और अपने परिजनों की टीबी जांच अवश्य कराएं।