लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रंग-रूप, भाषा, बोली, रहन-सहन की विविधताओं के बावजूद उत्तर से दक्षिण तक पूरब से पश्चिम तक पूरा भारत एक है। इसका आधार भारत की परिवार दृष्टि है। भारत की पूंजी संयुक्त परिवारों की परम्परा है। परिवार के सम्बन्ध में पाश्चात्य दृष्टि खंडित है। माता भूमि पुत्रोहं पृथिव्याह्ण की उक्ति भारतीय स्त्री दृष्टि को पूरी तरह से स्पष्ट करती है।
मुख्यमंत्री यहां अपने सरकारी आवास पर दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र, पुणे की पुस्तक नारीत्व की भारतीय अवधारणा के लोकार्पण अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र को उत्तर प्रदेश से जोड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस कार्यक्रम को हर सम्भव सहयोग उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री ने शासन की योजनाओं प्रधानमंत्री स्टार्ट-अप योजना, प्रधानमंत्री स्टैंड-अप योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी संस्थाओं यथा शिक्षण संस्थानों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों को शासन की योजनाओं के प्रति वैराग्य का भाव नहीं रखना चाहिए। उन्हें शासन की योजनाओं की जानकारी रखनी चाहिए और उसे विद्यार्थियों तक पहुंचाना चाहिए। इससे विद्यार्थियों के लिए शासन की योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ उठाना सम्भव होगा। इसके अभाव में योजनाएं जिनके लिए बनायी गयी हैं, उन तक नहीं पहुंच पाती और दम तोड़ने लगती हैं। इसलिए संस्थाओं को समाज के साथ जुड़ना चाहिए। संस्थाओं के पास सैद्धान्तिक ज्ञान होता है। समाज के पास व्यावहारिक ज्ञान होता है। सैद्धान्तिक पक्ष और व्यावहारिक पक्ष के मिलकर कार्य करने से ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। समाज को स्वावलम्बी और आत्मनिर्भर होना चाहिए। समाज आगे चलेगा, शासन पीछे चलेगा, तभी वास्तविक विकास सम्भव होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी बालक-बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए स्कूल चलो अभियान संचालित किया है। इससे प्राथमिक परिषदीय स्कूलों में छात्रों का नामांकन पहले के एक करोड़ 38 लाख से बढ़कर एक करोड़ 84 लाख हो गया है। इन सभी छात्र-छात्राओं को स्कूल में 2 यूनीफॉर्म, किताबें, स्कूल बैग, जूता-मोजा, स्वेटर उपलब्ध कराया जा रहा है। परिषदीय स्कूलों में फ्लोरिंग, बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट, बैठने की व्यवस्था, स्मार्ट क्लास की व्यवस्था आदि के लिए आॅपरेशन कायाकल्प संचालित किया जा रहा है। इसके माध्यम से सभी एक लाख 58 हजार परिषदीय विद्यालयों में आधारभूत सुविधाएं सुलभ करायी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के देश की बागडोर सम्भालने के बाद महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के प्रभावी प्रयास हुए हैं। डॉ. विभूति गौड़ ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अन्त में दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र पुणे की सचिव अंजलि देशपाण्डे ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महिला समन्वय की राष्ट्रीय सह संयोजिका भाग्यश्री साठे, लेखिका पद्मश्री डॉ. विद्या बिन्दु सिंह, डॉ. शकुन्तला मिश्रा, राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह आदि मौजूद रहे।