पॉक्सो, महिला उत्पीड़न, सीसीटीएनएस, आईटी सिस्टम की समीक्षा बैठक संपन्न

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  • उत्तर प्रदेश एनएएफआईएस में लाइव एनरोलमेंट में प्रथम स्थान पर
  • देश में उत्तर प्रदेश 98.90 डिस्पोजल रेट तथा 0.10 पेन्डेन्सी रेट के साथ द्वितीय तथा 76.90 कम्लाइंस रेट के साथ तृतीय स्थान पर
  • सीसीटीएनएस में एनसीआरबी के प्रगति डैशबोर्ड के अनुसार उत्तर प्रदेश 99.62 प्रतिशत अंक प्राप्त कर द्वितीय स्थान पर
    लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में पॉक्सो, महिला उत्पीड़न, सीसीटीएनएस, आईटी सिस्टम की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
    अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि पहले से प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है, आगे भी जहां भी सुधार की आवश्यकता हो सुधारात्मक कदम उठाये जायें और उत्तर प्रदेश को सभी मामलों में प्रथम स्थान पर लाया जाये। उन्होंने कहा कि पॉक्सो एक्ट व महिला उत्पीड़न के पुराने लम्बित प्रत्येक मामले की समीक्षा कर देखें कि वह कहां और किस स्तर पर पेंडिंग हैं, उन पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित कर उनका तेजी से निस्तारण कराया जाये। उन्होंने कहा कि सजा दिलाने से ही लोगों के अन्दर भय व्याप्त होगा और मामलों में कमी आयेगी।
    उन्होंने क्राइम एनालिटिक्स एंड प्रोडक्टिव पुलिसिंग पोर्टल की प्रशंसा करते हुये कहा कि यह स्मार्ट पुलिस का उदाहरण है, इससे अपराध के पैटर्न, प्रवृत्ति, अपराध समूहों और हॉटस्पॉट की पहचान करने में पुलिस कर्मियों को मदद होगी। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल को क्राइम मीटिंग में प्रयोग किया जाये, इससे क्राइम की मॉनीटरिंग के साथ, बेहतर प्लानिंग और अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य करने वाले कर्मियों को प्रोत्साहित करने से अच्छे परिणाम आते हैं। उन्होंने एफएसएल में डिस्पोजल रेट बढ़ाने हेतु प्रत्येक वर्ष सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले वैज्ञानिकों को पुरस्कृत करने के निर्देश दिये।
    बैठक में बताया गया कि आईपीसी की धारा-376 तथा पॉक्सो एक्ट के मामलों में पेन्डेन्सी रेट में 2.57 प्रतिशत, कम्प्लाइंस रेट में 25.50 प्रतिशत तथा डिस्पोजल रेट में 3.90 प्रतिशत का सुधार हुआ है। देश में उत्तर प्रदेश 98.90 डिस्पोजल रेट तथा 0.10 पेन्डेन्सी रेट के साथ द्वितीय तथा 76.90 कम्पलाइंस रेट के साथ तृतीय स्थान पर है। वर्तमान में मात्र एक जनपद का का कम्प्लाइंस रेट 80 प्रतिशत से कम है, जबकि 2 फरवरी, 2023 को 39 जनपदों का कम्प्लाइंस रेट 80 प्रतिशत से कम था। वित्तीय वर्ष 2023-24 में पंजीकृत मामलों का 29 जनवरी, 2024 तक पेन्डेन्सी रेट 92.60 प्रतिशत है। वर्ष 2018 से वर्ष 2022 तक के कुल लंबित अभियोगों की संख्या 49 से घटकर 15 रह गई है। भदोही, महोबा, श्रावस्ती का कम्प्लाइंस रेट 100 प्रतिशत है तथा 39 ऐसे जनपद हैं, जिनका पेन्डेन्सी रेट शून्य है। इसी प्रकार ललितपुर, चंदौली, हरदोई, कन्नौज, बदायूं, बलरामपुर, श्रावस्ती, मैनपुरी, अमेठी, सिद्धार्थ नगर का डिस्पोजल रेट 99 प्रतिशत से अधिक है।
    नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एनएएफआईएस) के तहत 98 स्थानों पर फिंगर प्रिंट लेने हेतु उपकरण स्थापित किये गये हैं। माह दिसम्बर, 2023 तक लगभग 2,26,250 व्यक्तियों का फिंगर प्रिंट लिया गया है। इसके अलावा 2 लाख लिगेसी डाटा को सफलतापूर्वक एनएएफआईएस सर्वर पर अपलोड कराया गया। एनसीआरबी के अनुसार विगत वर्ष में उत्तर प्रदेश को एनएएफआईएस में लाइव एनरोलमेंट में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राष्ट्रीय स्तर पर फिंगर प्रिंट का डाटा अपलोड होने पर देश भर में कहीं से भी अपराधी को सर्च कर उसका विवरण देखा जा सकता है।
    क्राइम एण्ट क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एण्ड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) में एनसीआरबी के प्रगति डैशबोर्ड के अनुसार उत्तर प्रदेश 99.62 प्रतिशत अंक प्राप्त कर द्वितीय स्थान पर है। माफिया, पास्को, सनसनीखेज से सम्बन्धित मुकदमों की विवेचना एवं प्रभावी पैरवी हेतु इनवेस्टीगेशन, प्रॉजिक्यूशन एण्ड कनविक्ट मॉनीटरिंग पोर्टल विकसित किया गया है। यह पोर्टल प्रभावी पर्यवेक्षण एवं निगरानी, अपराध की रोकथाम, अभियुक्तों को सजा दिलाने में सहायक है। इसी प्रकार क्राइम एनालिटिक्स एंड प्रोडक्टिव पुलिसिंग पोर्टल विकसित किया गया है। यह पोर्टल प्रभावी पर्यवेक्षण एवं निगरानी, जोन, रेंज, जिला, थाना स्तर पर क्राइम ट्रेंड का परीक्षण पूवार्नुमानित पुलिसिंग, अपराध की रोकथाम, संसाधनों के उचित प्रबन्धन, समय एवं धन की बचत, पेपरवर्क कम करने में सहायक है। इसके द्वारा किस क्षेत्र में किस समय किस प्रकार की घटनायें अधिक घटित होती हैं, उससे गूगल मैप के जरिये देखा जा सकता है। इसमें कई सारे डायग्राम बनकार आपराधिक डेटा का वर्गीकरण किया गया है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में प्रदर्श के निस्तारण में वर्ष 2023 में 94.28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। माह दिसम्बर, 2023 मे विधि विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा कुल 4130 केसेज निस्तारित किये गये हैं। बैठक में सचिव गृह डॉ. संजीव गुप्ता, अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं श्री नवीन अरोरा, अपर पुलिस महानिदेशक महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन पदमजा चौहान, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एसके भगत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित थे।

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