पूरी दुनिया में आतंक का पर्याय बने आतंकवादी अल जवाहिरी को अमेरिका ने उतारा मौत के घाट

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नई दिल्ली। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमला कर एक साथ लगभग तीन हजार लोगों को मौत की नींद सुला देने वाले आतंकवादी संगठन अल कायदा के सरगना अयमान अल जवाहिरी को अमेरिका ने एक गुप्त आपरेशन के जरिए मार गिराया है। जवाहिरी को मौत के घाट उतारने की पुष्टि अमेरिका के प्रेसीडेंट जो बाइडन ने प्रेस कान्फ्रेंस कर की है। अमेरिका ने जवाहिरी के सफाये को पूरी दुनिया से 48 घंटे तक छुपाए रखा। अमेरिकी सेना ने काबुल में ड्रोन स्ट्राइक के जरिए इस मिशन को अंजाम दिया। अमेरिका ने बिना किसी धमाके और किसी को नुकसान पहुंचाए बिना ही अल-जवाहिरी को मौत की नींद सुला दिया। जवाहिरी का ठिकाना लंबे समय से एक रहस्य बना हुआ था। 2020 के अंत से अफवाहें फैल रही थीं कि अल-जवाहिरी की बीमारी से मृत्यु हो गई है। यूएन एनालिटिकल सपोर्ट एंड सेंक्शन मॉनिटरिंग टीम की एक हालिया रिपोर्ट ने पुष्टि की कि जवाहिरी अफगानिस्तान में रह रहा था और स्वतंत्र रूप से संवाद कर रहा था। 2021 में अलकायदा ने एक वीडियो जारी कर भी जवाहिरी की मौत की खबर को फर्जी बताया था। जवाहिरी ने सात जून को भारत के कई राज्यों में बम धमाके करने की धमकी दी थी। नूपुर शर्मा के बयान के बाद जवाहिरी ने भारत को दहलाने की पूरी साजिश कर रखी थी। दुनियाभर में कई जगह हुए आतंकी हमलों के पीछे उसका हाथ माना जाता है। 11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने चार कमर्शियल प्लेन हाइजैक किए थे। इनमें से दो प्लेन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ और साउथ टावर से टकरा दिए गए थे। इस हमले में 93 देशों के 2,977 लोग मारे गए थे। हमला आतंकी संगठन अलकायदा ने किया था। इसकी साजिश ओसामा बिन लादेन और अल-जवाहरी ने ही रची थी। 7 अगस्त 1998 को एक साथ कई देशों के दूतावास के बाहर बम धमाके हुए। इसमें 224 लोग मारे गए। जिनमें 12 अमेरिकी शामिल थे और 4,500 से अधिक लोग घायल हुए थे। इसके पीछे जवाहरी का हाथ था। मई 2003 में सऊदी अरब के रियाद में एक साथ आत्मघाती बम विस्फोटों में नौ अमेरिकियों सहित 23 लोगों की मौत हो गई थी।


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