लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में जनसामान्य की कहीं सुनवाई नहीं है। सत्ता के संरक्षण में अपराध, लूट और अपहरण की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही हैं। मुख्यमंत्री का जीरो टॉलरेंस का दावा बस दावा ही बनकर रह गया है। लगता नहीं है कि भाजपा सरकार का सच्चाई से भी कोई रिश्ता है। जनता जिस पीड़ा से गुजर रही है उसकी तनिक भी अनुभूति न होना भाजपा सरकार और इसके नेतृत्व की संवेदनशून्यता का परिचायक है। जगह-जगह मुफ्त राशन बांटने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देने वाले मुख्यमंत्री को यह नहीं दिखाई देता है कि जनता को राशन मिलने में कितनी कठिनाई हो रही है। कोटेदार घटतौली के सहारे गरीबों का राशन लूट रहे हैं। सत्ता संरक्षण के बगैर यह कैसे सम्भव है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत बरेली में कोटेदारों ने प्रत्येक कार्ड पर एक से दो किलोग्राम तक राशन की घटतौली की। लाभार्थियों को कम राशन देने पर आपत्ति की गई तो उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। गरीबों के राशन के साथ भाजपा राज में घरेलू अर्थव्यवस्था भी चौपट हो गई है। महिलाओं का घर चलाना दुश्वार हो गया है। सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। रसोई गैस के दामों में तेजी से वृद्धि होने से मध्यम आय वर्ग के लोगों की भी कमर टूट गई हैं। सत्ता के बल पर अपराधी कितना बेखौफ हो गए हैं इसके उदाहरण में पिछले दिनों हाथरस की बेटी और लखीमपुर खीरी की बहन के साथ हुए अत्याचार भुलाए नहीं जा सकते है। कई घटनाओं में तो भाजपा नेताओं, पदाधिकारियों के भी हाथ होने की खबरें है। अवैध शराब और अवैध खनन के मामलों में रोक लगाने में भाजपा अक्षम साबित हुई है। बुलंदशहर में लोकतंत्र के साथ शर्मनाक मजाक हुआ है। भाजपा सरकार में एक राज्यमंत्री के इशारे पर पीआरओ और पुलिस द्वारा मिलकर शिकारपुर ब्लाक में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल की संयुक्त प्रत्याशी का अपहरण कर लिया गया। भाजपा सरकार जबसे सत्ता में आई है, तबसे राजनीति में घोर गिरावट नजर आई है। उत्तर प्रदेश में वैचारिक प्रदूषण भी खूब बढ़ा है। जनता के कष्टों का निवारण तो हुआ नहीं उल्टे उसकों मंहगाई और अपराध के दर्द से रोज ही गुजरना पड़ रहा है। समाजवादी सरकार बनने पर ही जनता के दु:ख दर्द दूर हो सकेंगे।