गाजियाबाद। मुरादनगर स्थित आईटीएस डेंटल कॉलेज ने 8वें कॉम्प्रेहैन्सिव इम्प्लांट कोर्स के पहले मॉड्यूल का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। इस कोर्स में 4 मॉड्यूल सम्मिलित है जो प्रत्येक 3 दिनों के होंगे। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिनमें निजी दंत चिकित्सक, कॉलेज के पूर्व छात्र, संस्थान के दंत चिकित्सक, एमडीएस के विद्यार्थी और विभिन्न कॉलेजों के अध्यापक शामिल थे। यह कोर्स क्यूंग ही यूनिवर्सिटी, सियोल और सी0एस0एम0 इम्प्लांट्स, साउथ कोरिया के सहयोग से आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के वाईस चेयरमैन अर्पित चड्ढा के सहयोग से आयोजित किया गया जिसका उद्देश्य मरीजों के बीच इम्प्लांट्स के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना था जिसके माध्यम से मरीजों के लापता दांतों को इम्प्लांट्स के जरिए लगाया जा सकें एवं रोगी को समग्र उपचार प्रदान कर सकें। इस पाठ्यक्रम के गेस्ट स्पीकर प्रसिद्ध प्रोस्थोडॉन्टिस्ट और इंटरनेशनल की ओपिनियन लीडर, सीएसएम इम्प्लांट्स, डॉ. ध्रुव अरोड़ा एवं प्रसिद्ध ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जन, डॉ. सौरभ कामत थे, जिन्हें ओरल इम्प्लांटोलॉजी के क्षेत्र में व्यापक ज्ञान प्राप्त है और वह नियमित रूप से इस तरह के कोर्स संचालित कर रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान डॉ. कामत और डॉ. ध्रुव ने ओरल इंप्लांटोलॉजी के अन्तर्गत होने वाले नवीनतम उपचार के विभिन्न प्रक्रियाओं के बारे में सभी प्रतिभागियों को समझाया। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों के क्लीनिकल ज्ञान में वृद्धि करना तथा भविष्य में उन रोगियों में इम्प्लांट को सफलतापूर्वक स्थापित करने और लगाने के लिये तैयार करना था जिन रोगियों के दांत नहीं है। डॉ. कामत और डॉ. ध्रुव ने सभी प्रतिभागियों को व्यापक रूप से इम्प्लांट किट के परिचय के साथ-साथ सर्जिकल प्रोटोकॉल और सही इम्प्लांट सिस्टम चुनने के बारे में ज्ञान दिया। डॉ. कामत और डॉ. ध्रुव ने पहले और दूसरे दिन ने एमडीएस के विद्यार्थियों और अन्य दंत चिकित्सकों को ओरल इंप्लांटोलॉजी उपचार की प्रक्रियाओं के बारे में गहन जानकारी दी तथा इसके अतिरिक्त उन्होंने सभी प्रतिभागियों के लिए सीबीसीटी पर हैंड्स आॅन, डमी मेंडीबल्स पर आॅस्टियोटॉमी हैंड्स आॅन एवं मरीज पर इम्प्लांट करके एक लाइव डेमोंस्ट्रेशन किया। इसके साथ ही अर्पित चड्ढा ने अपने प्रेरक शब्दों के साथ प्रतिभागियों को बधाई दी और उन्हें प्रोत्साहित भी किया तथा उन्होंने बताया कि संस्थान में नियमित रूप से इस तरह के ज्ञानवर्धक पाठ्यक्रमों का आयोजन करना ही संस्थान का उद्देश्य है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि दंत चिकित्सा के क्षेत्र में नवीनतम उपचार के तौर-तरीकों के प्रति संस्थान का हमेशा एक प्रगतिशील दृष्टिकोण रहा है। इसलिए छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने के संस्थान द्वारा इस जानकारीपूर्ण ओरल इंप्लांटोलॉजी कोर्स का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक-प्रधानाचार्य डॉ. देवी चरण शेट्टी के साथ-साथ सभी दंत विभागों के एचओडी एवं दंत चिकित्सक उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी प्रतिभागियों को ओरल इंप्लांटोलॉजी के बारे में नवीनतम ज्ञान प्राप्त हुआ जिसके लिये सभी ने आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन डॉ आरपी चड्ढा तथा वाईस चेयरमैन अर्पित चड्ढा को धन्यवाद दिया।