- मुख्यमंत्री ने विश्व उद्यमिता दिवस पर किया सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना का शुभारंभ
- जहां पहले गोलियां चलती थीं, वहां एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बना रही सरकार: सीएम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश देश की आबादी का सबसे बड़ा प्रदेश है। छह वर्ष पहले तक यह बीमारू प्रदेश माना जाता था। कोई यूपी आना नहीं चाहता था। यूपी का नाम सुनकर लोगों में भय पैदा होता था, लेकिन अब परिदृश्य बदल गया है। आरबीआई व नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट बताती है कि यूपी देश के अंदर सर्वाधिक निवेश करने वाले प्रदेश के साथ ही सबसे अधिक घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करने व बैंकों से सबसे अधिक उद्योगों को धनराशि देने वाला प्रदेश बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यह बातें कहीं। विश्व उद्यमिता दिवस पर सूक्ष्म, उद्यम इकाइयों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए लोकभवन में मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना का बटन दबाकर शुभारंभ किया। इसके तहत पांच लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही, सीएम ने प्लेज पार्क योजनान्तर्गत झांसी, हापुड़ व संभल में निजी औद्योगिक पार्कों के विकास के लिए विकासकतार्ओं को प्रथम किस्त के तहत 1137 लाख रुपये का चेक वितरित किया। सीएम ने विश्व उद्यमिता दिवस व नागपंचमी की बधाई भी दी।
छह वर्ष में यूपी का एक्सपोर्ट तीन गुना हुआ
सीएम ने कहा कि यह यह बदलाव अचानक नहीं आया है। इसके पीछे पीएम मोदी की प्रेरणा व मार्गदर्शन के साथ प्रदेश सरकार ने बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके को शासन की योजना से जोड़कर प्रत्येक इन्वेस्टर्स पार्टनर्स को सुरक्षा का विश्वास दिलाया। इसीका परिणाम है कि यूपी देश-दुनिया में सबसे अच्छे गंतव्य के रूप में जाना जा रहा है। इसकी पृष्ठभूमि 2018 में तैयार हुई, जब पीएम मोदी ने यूपी के पहले जीआईएस का उद्घाटन किया था। यूपी ने उससे पहले अपने पहले स्थापना दिवस पर ओडीओपी की नई योजना प्रारंभ की थी। उपेक्षित व दम तोड़ रहे इस सेक्टर को कहीं प्रदूषण, कहीं बिजली व अन्य विभागों की उपेक्षा का दंश झेलना पड़ रहा था। तब हमारी सरकार ने तय किया था कि औद्योगिक निवेश के सबसे बड़े गंतव्य के रूप में स्थापित होना है तो हमें अपनी ताकत को पहचानना होगा और हमारी ताकत हैं यूपी के क्लस्टर। एमएसएमई का क्लस्टर अलग-अलग क्षेत्रों में लगभग बंदी के कगार पर था। मगर छह वर्षों में हुए प्रयासों का परिणाम है कि यूपी के एक्सपोर्ट्स तीन गुना बढ़े हैं। कोरोना का मुकाबला करते हुए भी यह उपलब्धि यदि तीन गुना होती है तो यह निश्चित है कि आने वाले पांच वर्ष में यूपी वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी होगी।
रिपोर्ट दे रही बदलाव गाथा का प्रमाण
सीएम ने आरबीआई व नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले एक सप्ताह के भीतर आईं रिपोर्ट्स पढ़कर उन लोगों की आंखों खुलनी चाहिए, जो कहते हैं कि यूपी में क्या बदला है। उन्हें बताइए कि सुरक्षा की गारंटी देने वाला यूपी देश का पहला राज्य है। यूपी निवेश के सबसे बड़े गंतव्य के रूप में उभरता हुआ राज्य है। बैंकों की सेवाओं को बेहतर तरीके से उद्यमियों तक पहुंचाने वाला अग्रणी व सर्वाधिक पर्यटकों को आकर्षित करने वाला राज्य यूपी है। हमने बीमारू राज्य से उभारकर यूपी को विकसित राज्य की ओर अग्रसर कर दिया। अलग-अलग सेक्टरों में यूपी सरकार ने व्यवस्थित रूप से कार्य प्रारंभ किया तो परिणाम सामने है।
सीएम ने गिनाई पार्क से जुड़ी उपलब्धि
सीएम ने कहा कि पहली बार एमएसएमई विभाग द्वारा निजी औद्योगिक पार्कों को विकसित करने का कार्य हो रहा है। यहां से तीन पार्कों को सरकार के इंसेंटिव उपलब्ध कराए। तीन नए निजी औद्योगिक पार्क विकसित करने के लिए आज इंसेंटिव पार्क के चेक दिलाए गए। आज 10 से 50 एकड़ के पार्क तैयार होने के साथ औद्योगिक भूखंड क्रय करने पर शत-प्रतिशत स्टैंड ड्यूटी की छूट सरकार उपलब्ध करा रही है। पार्क विकसित करने पर 50 लाख रुपये प्रति एकड़ का विकास करने पर एक प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ऋण की व्यवस्था है। विकसित होने वाले पार्क में 75 फीसदी भूखंड एमएसएमई इकाइयों के लिए आरक्षित होंगे। तय किया गया है कि निजी पार्क में भूमि क्रय करने वाले उद्यमियों को 50 फीसदी स्टांप ड्यूटी छूट व एमएसएमई नीति 2022 में अनुमन्य कैपिटल व अन्य सब्सिडी का लाभ भी उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश सरकार की प्लेज पार्क की स्कीम देश की पहली स्कीम है। इसका लाभ हमारे उद्यमी लेंगे।
मुंबई तक सुनाई देने लगी यूपी के फिल्म सिटी की हलचल
सीएम ने कहा कि आज प्रदेश के अंदर मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना आज प्रारंभ हो रही है। सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना का सामना यूपी, देश व दुनिया ने भी किया। लोग यूपी के पोटेंशियल पर विश्वास नहीं करते थे। मैं कहता था कि आप अपने को संभाल लो, यूपी में कोई समस्या नहीं आएगी। यूपी की टीम ने पीएम मोदी के मार्गदर्शन में बेहतरीन तरीके से कोविड प्रबंधन करके दिखाया। सबसे कम मृत्यु दर, सबसे कम संक्रमण, सबसे अधिक वैक्सीनेशन, एक-एक घर में दस्तक देने के लिए हेल्थ वर्करों ने कोविड से बचाने का कार्य किया। यूपी सबसे अधिक सहायता देने वाला राज्य बना। आज यूपी रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बन चुका है। हमारे पास इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े कार्य कर रहे हैं। वाटर वे, एक्सप्रेस, एयरपोर्ट, ग्रामीण क्षेत्र की बेहतर कनेक्टिविटी, प्रदेश में निवेश के लिए कहीं मेडिकल डिवाइस पार्क, कहीं फॉर्मा, प्लास्टिक पार्क समेत अलग-अलग क्षेत्र में कार्यक्रम हो रहे हैं। लोगों को विश्वास नहीं हो रहा कि क्या यह वही यूपी है, जहां छह वर्ष पहले लोग अपना व्यवसाय समेट रहे थे। आज यूपी में उत्तर भारत का पहला डेटा सेंटर लोगों के आश्चर्य का केंद्र बना हुआ है। इतना ही नहीं, यूपी की फिल्म सिटी की हलचल मुंबई तक सुनाई देने लगी है। हर निर्देशक-निर्माता, अभिनेता यूपी में आने को उत्सुक है। यहां ईज आॅफ डूंइंग बिजनेस बेहतरीन है।
जहां पहले गोलियां चलती थीं, वहां एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बना रही सरकार
सीएम ने बताया कि 30 करोड़ श्रद्धालु धार्मिक पर्यटन के लिए यूपी आए। असंभव आज संभव हो रहा है। यह कार्य निरंतर आगे बढ़ना चाहिए। प्रदेश सरकार ने इसे बढ़ाने के लिए अनेक कार्य किया। जहां पहले गोलियां चलती थीं, वहां आज एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में सरकार बना रही है। जहां छोटी-मोटी बातों को लेकर आंदोलन होते थे, वहां पूर्वांचल व बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का कार्य सरकार कर चुकी है। मध्य से पूरब को, राष्ट्रीय राजधानी को बुंदेलखंड व पश्चिम को पूरब से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण समेत डिफेंस कॉरीडोर में हो रहे निवेश नए अवसर के द्वार खोलेंगे।
अगले एक साल तक होगा आॅनलाइन व आॅफलाइन पंजीकरण
सीएम ने कहा कि यूपी के 96 लाख एमएसएमई उद्यमी हैं। लगभग 97 फीसदी सूक्ष्म थे। 5 करोड़ से कम की पूंजी जिनके उद्यम लगी थी। वार्षिक टर्नओवर 40 लाख से कम है। 40 लाख से अधिक का टर्नओवर, जिन्होंने जीएसटी में पंजीकरण कराया है, उन्हें पहले से ही 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर सरकार ने कर रखा है। उन्हें जीएसटी से दुर्घटना व 100 फीसदी दिव्यांगता की स्थिति आने पर 10 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा उपलब्ध करवाते हैं। यह सेक्टर यूपी की पहचान था। हालांकि अभी मात्र 27 लाख ने पंजीकरण कराया, इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। श्रम विधा के माध्यम से सामान्य कारीगरी से जुड़े लोगों को कवर किया। बचे लोगों को पहली बार पांच लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर 90 लाख एमएसएमई उद्यमियों को प्राप्त होगा। अगले एक साल तक आॅनलाइन व आॅफलाइन पंजीकरण भी होगा। ओडीओपी में हम लोगों ने 75 जनपदों के लिए 75 उत्पाद चयनित किए। यह कार्य सरकार से जमीन नहीं लेती, बल्कि अपने घर-आंगन से इन कारोबारों को बढ़ाता है। हम लोगों ने एमएसएमई उद्यमियों से अपील की कि पलायन करने वालों की हम स्किल मैपिंग करा रहे हैं। 40 लाख लोगों को अपने जनपद व गांवों में कार्य मिला। सीएम ने तत्काल पंजीकरण कराने का भी आह्वान किया।
ओडीओपी व विश्वकर्मा श्रम सम्मान को देश में मिली मान्यता
सीएम योगी ने कहा कि 2018 में जब पहले स्थापना दिवस पर यूपी सरकार ने ओडीओपी को आगे बढ़ाया। 2019 में दूसरे स्थापना दिवस पर हमने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना प्रारंभ की। दोनों योजनाओं को देश के अंदर मान्यता मिली। विश्वकर्मा श्रम सम्मान के अंतर्गत परंपरागत कारीगरों को सम्मान देने के साथ ट्रेनिंग व टूल किट की व्यवस्था, आत्मनिर्भरता के माध्यम से बापू के ग्राम स्वराज की कल्पना को आगे बढ़ाया जा रहा है। सीएम ने विश्वास जताया कि सहारनपुर का वुडेन वर्क हो या मुरादाबाद की पीतल कारीगरी, फिरोजाबाद का ग्लास उद्योग हो या लखनऊ की चिकन कारीगरी, इसे दुनिया में छाने में देर न लगेगी। अभी भले ही आॅर्डर के अनुरूप सप्लाई नहीं कर पा रहे पर इसे और अच्छे ढंग से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। हमारे हस्तशिल्पियों में यह क्षमता है कि इससे दुनिया और तेजी से हमारी तरफ आकर्षित हो।
नागपंचमी हर व्यक्ति के अंदर छिपी आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक
नागपंचमी पर्व शुभकामनाएं देते हुए सीएम योगी ने कहा कि नागपंचमी जीव-जंतु व प्रकृति के प्रति प्रेम व अनुराग का पर्व है, लेकिन आध्यात्मिक दृष्टि से हर व्यक्ति के अंदर छिपी आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक भी है। उद्यमी उस शक्ति को समेटकर अपनी अद्भुत कृति से समाज व देश के सामने अपने पुरुषार्थ को प्रकट करता है तो सफल उद्यमी के रूप में उसकी गिनती होती है। विश्व उद्यमिता दिवस व नागपंचमी का यह अद्भुत संयोग है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव दुगार्शंकर मिश्र, आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद, सचिव प्रांजल यादव आदि मौजूद रहे।
सीएम योगी ने वितरित किए चेक
सीएम ने झांसी के सिद्धार्थ आनंदानी, अशोक आनंदानी को 2.49 करोड़ का चेक दिया। और उपायुक्त उद्योग मनीष चौधरी को प्रशस्ति पत्र दिया। यह परियोजना 10.52 एकड़ की होगी। इसमें 11 भूखंड होंगे। संभल से विकासकर्ता भुवनेश कुमार वाषर्णेय, मुकेश कुमार को चेक दिया। संयुक्त आयुक्त उद्योग योगेश कुमार को प्रशस्ति पत्र दिया। इस परियोजना में 151 भूखंड होंगे। हापुड़ से अरुण धीर व चरणजीत लाल धीर को 3.07 करोड़ का चेक दिया। इस परियोजना का आकार 12.28 एकड़ है। इसमें 35 भूखंड होंगे। उपायुक्त उद्योग शैलेंद्र सिंह ने प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया।