वाचा, मनसा और कर्मणा में समानता होनी चाहिये: मुख्य सचिव

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  • प्रांतीय सिविल सेवा के 41 प्रशिक्षु अधिकारियों ने मुख्य सचिव से की शिष्टाचार भेंट
    लखनऊ।
    मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र से 2020 बैच के प्रांतीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) 41 प्रशिक्षु अधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की। सभी प्रशिक्षु अधिकारियों का परिचय प्राप्त करने उपरान्त मुख्य सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि वाचा, मनसा और कर्मणा में समानता होनी चाहिये। हम जैसा वचन कहें, हमारा मन भी वैसा होना चाहिये और वही हमारे कर्म में भी प्रतिबिम्बित हो। उन्होंने कहा कि इस बात की कल्पना करें और इसे एक कागज पर नोट करें लें कि आने वाले 10 सालों में हम अपने आपको कहां देखना चाहते हैं तथा उसके अगले 10 सालों में कहां देखना चाहते हैं। इस तरह अपने कैरियर के अंत में अपने आपको किस जगह पर पाते हैं।
    उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 साल में देश में आमूल-चूल परिवर्तन हो रहे हैं और यह परिवर्तन का दौर चल रहा है। इस बदलते हुए परिवेश के अनुसार स्वयं को ढालना होगा, अन्यथा परिवर्तन के दौर में हम पीछे छूट जायेंगे। आज लोग कम्यूनिकेशन और टैक्नोलॉजी को लेकर अत्यधिक जागरूक हैं तथा लोक सेवकों की जवाबदेही कई गुना बढ़ गई है, इसलिये हमें निरन्तर खुद को अपग्रेड करने की जरूरत है तथा नवीन तकनीकी एवं नवाचार और ज्ञान सतत प्राप्त करने होंगे।
    उन्होंने कहा कि परिवार और सर्विस के मध्य बेहतर तालमेल बनाने की आवश्यकता है, जिससे हम समस्याओं का हल आसानी से निकाल सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश को विकसित राष्ट्र तथा मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये अपना महत्वपूर्ण योगदान करें। इस अवसर पर महानिदेशक उपाम वेंकटेश्वर लू सहित उपाम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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