डायबिटीज के लक्षण इग्नोर करना पड़ सकता है भारी

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गाजियाबाद। गांव से शहर की तरफ भागने की इस दौड़ में हम शहरी सुख सुविधाओं और उन्नत तकनीकी का लाभ तो उठा पा रहे हैं लेकिन इस भाग दौड़ के जीवन में अव्यवस्थित जीवनशैली और तनाव की वजह से ग्रामीण आबादी की तुलना में शहरी आबादी में डायबिटीज के रोगी ज्यादा मिलते हैं। इस बीमारी को रोकने के लिए न केवल जागरूकता बल्कि लाइफस्टाइल में बदलाव भी जरूरी है। आईडीएफ यानी इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन हर साल वर्ल्ड डायबिटीज-डे के लिए एक थीम चुनता है और 2021 के लिए उनका मेन फोकस है डायबिटीज केयर तक पहुंच: यदि अभी नहीं, तो कब है।
इस अवसर पर आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी गाजियाबाद के वरिष्ठ डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित छाबड़ा मधुमेह रोग के बारे में जानकारी दी, जिसे फेसबुक लाइव के माध्यम से प्रसारित भी किया गया। उन्होंने कहा कि बच्चों, युवाओं, प्रौढ़ एवं बुजुर्गों सभी आयु वर्ग में मधुमेह अब विश्व में बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। भारतीय युवा आबादी में डायबिटीज के काफी रोगी हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मधुमेह बीमारी में जागरूकता एवं बचाव की सबसे अहम भूमिका है क्योकि मधुमेह का नियंत्रण तो किया जा सकता हैं, पर इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता। डाइबिटीज को अगर नियंत्रित ना किया जाये, तो इसका असर किडनी (गुर्दा), आँख, हृदय तथा ब्लड प्रेशर पर पड़ता हैं. डायाबिटिज की बीमारी में शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, ऐसा तब होता है, जब शरीर में हार्मोन इन्सुलिन की कमी हो जाती है या इन्सुलिन का शरीर की क्रियाओं के साथ संतुलन बिगड़ जाता है।
लोगों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ. अमित छाबड़ा ने कहा कहा कि हम सामान्यत: मधुमेह रोग से बचने के लिए चीनी खाना कम कर देते हैं, किंतु यह सही नहीं है, चीनी से ज्यादा हमें कैलोरी का ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि पराठे में चीनी नहीं होती लेकिन उसमें कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, ऐसे में वह पराठा यदि किसी को डायबिटीज होने का खतरा बना हुआ है तो उसके लिए घातक सिद्ध हो सकता है
डॉक्टर छाबड़ा ने कहा कि बैलेंस डाइट एवं एक साथ ज्यादा खाना खाने की बजाय 2-3 घंटे के अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाना-खाना एवं दिनभर की एक उचित समय सारणी बनाये तथा उसका पालन करें। यह मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए एक अच्छा उपाय है।
6-7 घंटे की नींद जरूर लें
डॉक्टर छाबड़ा ने तनाव को डायबिटीज का एक प्रमुख कारण बताया और कहा कि पारिवारिक या कार्य से जुड़ा हुआ या अन्य किसी भी प्रकार का तनाव डायबिटीज करने के लिए एक प्रमुख कारण हो सकता है, इसे कम करने का प्रयास करें एवं पर्याप्त 6- 7 घंटे की नींद लें, मॉर्निंग वॉक एवम योग को दिनचर्या में शामिल करें। उन्होंने लोगों से अपील की कि लोग उचित समय अंतराल में ब्लड शुगर की जांच कराएं एवं साल में एक बार 3 महीने की मधुमेह रोग की जानकारी देने वाले टेस्ट को भी कराते रहें।
शुगर पहचानने में न करें देरी
डॉ छाबड़ा ने बताया कि डायबिटीज शुरू होने के कई लक्षण आरम्भ में दिखने लगते हैं जिन्हें हमें इग्नोर नहीं करना चाहिए। इन लक्षणों को व्यक्ति आसानी से शुरूआत में ही पता लगा सकता है और डायबिटीज होने से बच सकता है। यदि व्यक्ति में लगभग 6-7 लक्षण मौजूद हैं तो शुगर पहचानने में देरी न करें। तुरन्त डॉक्टर की सलाह लें और शुगर होने से छुटकारा पायें और स्वस्थ जीवन यापन करें।डायबिटीज के महत्वपूर्ण लक्षणों में व्यक्ति का वजन अचानक घटने लगता है या फिर वजन तेजी से बढने लगता है। बार बार पेशाब आना डायबिटीज होने का मुख्य लक्षण है। व्यक्ति को तेज भूख लगाना, खाना खाने के तुरन्त बाद फिर तेज खाने की इच्छा आदि भूख से सम्बन्धित समस्याऐं डायबिटीज के शुरूआती लक्षण है। तेज प्यास लगाना-डायबिटीज के शुरूआती लक्षण प्यास बार बार लगना से भी पाया गया है। बार बार फोडे-फुंसी होना या फिर शरीर पर चोट लगने कटने इत्यादि पर घाव का देर तक बना रहना डायबिटीज के लक्षण हैं। शरीर में झुनझुनहाट-व्यक्ति को शरीर के अंगों हाथों, कन्धों, जोड़ों, गर्दन में झुनझुनहाट महसूस होनी शुरू हो जाती है। आंखें कमजोर होना-आंखों का कमजोर होना, सामने धुंधलापन होना, दूर की नजर साफ नजर नहीं आना, अचानक आंखों में अन्धेरा छाना । चोट, घाव ठीक न होना-डायबिटीज के शुरूआती लक्षण में व्यक्ति के शरीर में लगे चोट, ठोकर घाव, चटने पर शीध्र ठीक नहीं होते। व्यक्ति चोट घाव से लम्बे समय तक ग्रस्त रहता है। ठीक होने में ज्यादा वक्त लगता है।सुनने की समस्या-डायबिटीज का संकेत कान से भी है। ऐसे में व्यक्ति के कानों के सेल्स डैमेज हो जाते हैं और सुनने में असर पड़ता है। कानों के अन्दर झन झन की हल्की आवाज महशूस होती है। व्यक्ति को बिना वजह कभी कभी सुनाई देता है। जोकि डायबिटीज के संकेत हैं। त्वचा डार्क स्पॉट-डायबिटीज के शुरूआत में व्यक्ति की त्वचा जैसे गर्दन की पिछले भाग, घुटनों पर, कोहनियां, हथेली के पीछे हिस्से आदि पर डार्क पैचेस बढ़ जाते हैं। कालापन साफ दिखने लगता है। व्यक्ति का शुगर लेवल बढ़ने पर त्वचा के इस तरह के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर रोग ग्रस्त होना-डायबिटीज के लक्षणों को इग्नोर करने पर शरीर में कई तरह की समस्यऐं उत्पन हो जाती है। जो किड़नी, फेफडे, गैस, पाचन को प्रभावित करती है। इस तरह के लगभग 6-7 लक्षण यदि व्यक्ति में दिखने शुरू हो जायें तो ये डायबिटीज होने के संकेत हैं, तुरन्त डॉक्टर से सलाह लें।


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