जनविश्वास को खंडित कर रहे हैं सियासी नेता

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कमल सेखरी
देश का भाग्य तय करने वाले 2024 के आम चुनाव से पहले 5 अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनाव जिनमें 4 प्रदेशों में हो चुके हैं और तीन दिन बाद पाचवें प्रदेश तेलांगना में भी होने जा रहे हैं। इन पांचों राज्यों के चुनावों के परिणाम 3 दिसंबर को एक साथ आकर यह तय कर देंगे कि और अगले कुछ महीनों में होने जा रहे देश के आम चुनाव में केन्द्र की सत्ता किसके हाथों में जा रही है, तीन दिसंबर के बाद से अगले पांच महीने जब तक अगली लोकसभा के चुनाव घोषित नहीं हो जाते देश किन परिस्थितियों से होकर गुजरेगा इसका अनुमान हम इससे भी लगा सकते हैं जो अभी हाल के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान हमने देखा है। इन पांचों राज्यों के चुनावों में राजनीति का जो गिरा हुआ स्तर हमारे सामने आया है उसका अहसास भी हमें शर्मसार कर रहा है। हमारे सियासी नेता इस स्तर तक गिरकर एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगा सकते हैं इसका अनुमान हमने पहले कभी लगाया नहीं था। सभी राजनीतिक मापदंडों को दरकिनार कर हमारे सियासी नेताओं ने अश्लीलता का जो नंगा नाच खुलेआम किया है उससे एक आम आदमी का भरोसा और विश्वास इन राजनेताओं के प्रति खंडित हुआ है। हमने अपने इसी कालम में ढाई वर्ष पहले ही लिख दिया था कि 2024 में आने वाला लोकसभा का चुनाव पूरे देश में एक ऐसा वातावरण बना देगा जिससे देश के आम नागरिकों के बीच जाति और धर्म की ऐसी दीवारें खड़ी हो जाएंगी जिन्हें पाटना मुश्किल हो जाएगा। हमने यह भी लिखा ये सियासी नेता मजहबी दुकानें बनकर ऐसा जहर परोस देंगे जिसका असर कई सालों तक बना रहेगा। यह आशंका भी व्यक्त की गई कि परिस्थितियां कुछ ऐसी भी बन सकती हैं कि जातीय और धार्मिक विश्वासों के खंडित होने पर गृह युद्ध की स्थिति भी देश में न बन जाए। हम ईश्वर से कामना तो यही करते हैं कि ऐसा कुछ ना हो तो बेहतर है लेकिन ये सियासी नेता ऐसी संभावनाओं को प्रबलता से निश्वितता के दौर में पहुंचाने में लगे हैं।


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