- प्रधानमंत्री ने जनपद अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया
- राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय का निर्माण, उनके प्रति सच्ची कार्यांजलि
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत दिवस अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का बटन दबाकर शिलान्यास किया। इससे पूर्व, उन्होंने उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड की प्रगति तथा राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय के मॉडल का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम के दौरान राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय तथा उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर केन्द्रित फिल्में भी प्रदर्शित की गयीं।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत का इतिहास ऐसे राष्ट्रभक्तों से समृद्ध है, जिन्होंने अपने तप और त्याग से देश को दिशा दी है। राजा महेन्द्र प्रताप सिंह ऐसे ही राष्ट्रभक्त और देश के महान सपूत थे। बड़े सपने देखने वाले और ऊंचे लक्ष्य हासिल करने के इच्छुक देश के हर युवा को राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के बारे में जानना चाहिए। उनके जीवन से अदम्य जीवन शक्ति तथा सपनों को साकार करने के लिए कुछ भी कर गुजरने की जीवटता की सीख मिलती है। देश की आजादी के लिए उन्होंने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया और इसके लिए दुनिया के कोने-कोने में गये। उन्होंने कहा कि जब भी कोई लक्ष्य कठिन लगे, तो आप राजा महेन्द्र प्रताप सिंह को याद करें, हौसला बुलन्द हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम से पूर्व उनके द्वारा उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड की प्रगति का अवलोकन किया गया। डेढ़ दर्जन से अधिक कम्पनियां यहां सैकड़ों करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं। इससे युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यहां पर छोटे हथियार, ड्रोन, एयरोस्पेस, मेटल कम्पोनेंट, डिफेंस पैकेजिंग के लिए नये उद्योग लगाये जा रहे हैं। इससे अलीगढ़ और आसपास के क्षेत्र की नयी पहचान स्थापित होगी। अलीगढ़ के ताले लोगों के घरों और दुकानों की सुरक्षा कर रहे थे। 21वीं सदी में अलीगढ़ देश की सीमाओं की रक्षा करने का कार्य करेगा।
आजादी के इस अमृत काल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी तेजी के साथ बदलाव हो रहे हैं। बदलाव के साथ कैसे तालमेल बैठाया जाता है, इसका रास्ता चौधरी चरण सिंह ने दशकों पहले देश को दिखाया। हम सभी जानते हैं कि चौधरी साहब द्वारा दिखाए गए रास्ते से खेतिहर मजदूरों और छोटे किसानों को लाभ हुआ। आज की अनेक पीढ़ियां उन सुधारों के कारण गरिमामय जीवन जी पा रही हैं। देश के जिन छोटे किसानों की चिन्ता चौधरी साहब को थी, उनके साथ सरकार एक साथी की तरह खड़ी रहे, यह बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार छोटे किसानों के साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की भावना के साथ राज्य सरकार गांव, गरीब, किसान, मजदूर, नौजवान, महिला सहित सभी वर्गों की समृद्धि के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ केन्द्र सरकार ने जो कार्य प्रारम्भ किया है, उससे किसानों के जीवन में प्रगति और खुशहाली आयी है। प्रदेश में वर्ष 2007 से 2017 तक गन्ना किसानों को 95 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया था। वर्तमान राज्य सरकार ने वर्ष 2017 से अब तक किसानों को एक लाख 43 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है। कोरोना काल में भी राज्य की सभी चीनी मिलों को अनवरत संचालित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सदी की सबसे बड़ी महामारी का भारत ने विश्व में सबसे बेहतर प्रबन्धन किया। लोकतंत्र में आम जनता की जीवन और जीविका की सुरक्षा एवं संरक्षण सर्वाेच्च प्राथमिकता है।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रधानमंत्री को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर मुख्यमंत्री ने स्वागत किया। इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री सुरेश राणा, वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह सहित अन्य मंत्री, विधान परिषद सदस्य स्वतंत्रदेव सिंह, जनप्रतिनिधि, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।