लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गत दिवस उनके सरकारी आवास पर ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर ब्रिटेन और भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के मध्य सम्बन्धों को और प्रगाढ़ करने के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के सुदृढ़ सम्बन्ध हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, रक्षा उत्पादन, शिक्षा, पर्यावरण तथा एमएसएमई विशेष रूप से स्थानीय हस्तशिल्प के क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश और ब्रिटेन के बीच निवेश और कारोबारी गतिविधियों को बढ़ाया जा सकता है। ब्रिटेन के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए उन्होंने कहा कि यहां औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित करने की असीम सम्भावनाएं मौजूद हैं। निवेश प्रोत्साहन के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा आकर्षक सेक्टोरल नीतियां निर्धारित की गई हैं। प्रदेश में विदेशों से निवेश आकर्षित करने के लिए सकारात्मक माहौल स्थापित किया गया है। ईज आॅफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग में उत्तर प्रदेश का देश में द्वितीय स्थान है। मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में विशेषज्ञों के आकलन को देखते हुए संक्रमण से बचाव व उपचार के लिए प्रदेश में की जा रही तैयारियों के विषय में चर्चा की। उच्चायुक्त ने इस दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की।
उच्चायुक्त ने बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने तथा महिलाओं के स्वावलम्बन और सशक्तिकरण की दिशा में प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने एक जनपद, एक उत्पाद योजना की प्रशंसा की। लगभग 25 वर्ष पूर्व की अपनी वाराणसी यात्रा का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इस प्राचीन नगरी में प्रवास उनके लिए एक विशिष्ट अनुभव था। वर्तमान में वाराणसी एक आधुनिक और विकसित स्वरूप में उभर रहा है। उच्चायुक्त ने कहा कि ब्रिटेन और उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी साझेदारी को आगे बढ़ा सकते हैं। इसके तहत प्रदेश के विश्वविद्यालयों और ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ाया जा सकता है। एक जनपद, एक उत्पाद योजना के तहत डिजाइनिंग, पैकेजिंग और टैक्नीकल सपोर्ट के क्षेत्रों में भी हम लोग काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के वस्त्र उत्पाद और लेदर प्रोडक्ट्स का ब्रिटेन में बड़ी संख्या में निर्यात किया जाता है।
इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।