नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्यप्रदेश के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के लाभार्थियों से बातचीत के दौरान कहा कि 100 साल में आई महामारी की आपदा के दौरान देश की 80 करोड़ जनता को मुफ्त राशन दिया गया। इस दौरान लोगों की जीविका से जुड़े सवाल करते हुए प्रधानमंत्री ने शिक्षा पर जोर दिया और टोक्यो ओलिंपिक का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गरीब घरों की बेटियां भी हैं जो देश का मान बढ़ा रहीं हैं। प्रधानमंत्री ने सौ साल में आई महामारी की आपदा से निपटने के लिए बनाई गई देश की रणनीति में गरीबों को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलने की बात कही।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कार्यक्रम को मुख्यमंत्री के संबोधन के साथ शुरुआत की गई। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘PM गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण अभियान नवंबर 2021 तक चलेगा। ये अभियान अप्रैल में ही शुरू हुआ था। मैं PM को धन्यवाद देना चाहता हूं, उन्होंने 2016 से अब तक 26,27,899 परिवारों को 32,204 करोड़ रुपये की सब्सिडी मकान बनाने के लिए दिया है।’ प्रधानमंत्री ने राज्य के होशंगाबाद की निवासी माया उईके, रेवाड़ी के चंद्रभान, बुरहानपुर के निवासी राजेन्द्र शर्मा जी से वार्तालाप की।
कोरोना महामारी के दौरान मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये अधिक लागत वाली इस योजना की शुरुआत गरीबों के लिए की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने भी आज होने वाले इस आयोजन के बारे में ट्वीट कर कहा था, ‘इस योजना से मध्यप्रदेश के 4.8 करोड़ से अधिक भाई बहनों को लाभ मिलेगा।’ मार्च 2020 में घोषित 1.70 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली इस योजना का मकसद कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे गरीबों की मदद करना है ताकि उनके हाथ में पैसे और खाने की कमी न हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपदा कोई भी हो, उसका असर बहुत व्यापक होता है, दूरगामी होता है। कोरोना के कारण पूरी मानवता पर 100 साल में सबसे बड़ी आपदा आई है। कोरोना से उपजे संकट से निपटने के लिए भारत ने अपनी रणनीति में गरीब को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना हो या फिर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना, पहले दिन से ही गरीबों और श्रमिकों के भोजन और रोजगार की चिंता की गई। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभार्थियों से बातचीत करने के बाद प्रधानमंत्री कहा कि इस संकटकाल में सरकार से जो मुफ्त अनाज मिला हर परिवार के लिए यह राहत है। लोगों से बातचीत में यह संतोष दिखा।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उत्सवों के उत्साह के बीच हमें कोरोना को नहीं भूलना है। कोरोना की तीसरी लहर को आने से हमें ही रोकना है। मास्क, टीका और दो गज की दूरी, ये बहुत जरूरी है। हमें स्वस्थ भारत का संकल्प लेना है, समृद्ध भारत का संकल्प लेना है।’ पहले की सरकारी व्यवस्था को जर्जर बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले के सिस्टम में गरीब के बारे में सवाल भी खुद पूछते थे और जवाब भी खुद ही देते थे। जिस तक लाभ पहुंचाना है, उसके बारे में पहले सोचा ही नहीं जाता था। आजीविका पर दुनियाभर में आए इस संकट काल में ये निरंतर सुनिश्चित किया जा रहा है कि भारत में कम से कम नुकसान हो। इसके लिए बीते साल में अनेक कदम उठाए गए है और निरंतर उठाए जा रहे है।
आज हैंडलूम दिवस की याद दिलाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ जिस खादी को कभी भुला दिया गया था, वो आज नया ब्रांड बन चुका है। अब जब हम आजादी के 100 वर्ष की तरफ नए सफर पर निकल रहे हैं, तो आजादी के लिए खादी की उस स्पिरिट को हमें और मजबूत करना है। आत्मनिर्भर भारत के लिए, हमें लोकल के लिए वोकल होना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव, गरीब, आदिवासियों को सशक्त करने वाला एक और बड़ा अभियान देश में चलाया गया है। ये अभियान हमारे हस्तशिल्प को, हथकरघे को, कपड़े की हमारी कारीगरी को प्रोत्साहित करने का है। ये अभियान लोकल के प्रति वोकल होने का है।
वन नेशन वन राशन कार्ड का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कोरोना से बने हालात में भारत आज जितने मोर्चों पर एक साथ निपट रहा है, वो हमारे देश के सामर्थ्य को दिखाता है। आज दूसरे राज्यों में काम कर रहे श्रमिकों की सुविधा के लिए वन नेशन-वन राशन कार्ड की सुविधा दी जा रही है।’ प्रधानमंत्री ने कोरोना वैक्सीनेशन का भी जिक्र किया और कहा कि भारत ने 50 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने के बहुत अहम पड़ाव को पार किया है। दुनिया में ऐसे अनेक देश हैं, जिनकी कुल जनसंख्या से भी अधिक टीके भारत एक सप्ताह में लगा रहा है। ये नए भारत का, आत्मनिर्भर होते भारत का नया सामर्थ्य है।’
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