नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है। लेकिन यूएन विशेषज्ञों की टीम ने ऐसी जानकारी दी है जिससे कई देशों के चिंता बढ़ गई है। भारत में कोरोना के मिले नए वेरिएंट को सबसे घातक बताया जा रहा है। ये सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के घातक हो सकता है। ब्रिटेन, ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका के कोरोना के नए वेरिएंट ने दुनिया के कई देशों में काफी नुकसान पहुंचाया है लेकिन भारत में मिले कोरोना के नए वेरिएंट को डब्ल्यूएचओ इन सभी में से सबसे घातक बता रहा है। दरअसल कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों की टीम काफी समय से वायरस के वेरिएंट की रिसर्च में जुटी हुई है। यूएन विशेषज्ञों की टीम का कहना है कि आने वाले दिनों में दुनिया भर में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट पर वैक्सीन की कारगरता को लेकर भी खोज का कार्य चल रहा है। नए वेरिएंट को कोविड के नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। विशेषज्ञों की टीम का कहना है कि भारत में मिला कोरोना वायरस का ये घातक वेरिएंट बेहद तेजी से फैलता है। संगठन इसमें हो रहे बदलाव पर भी अपनी चिंता जता चुका है। संगठन की विशेषज्ञ डॉक्टर मारिया वान कर्कहोवे ने जिनेवा में मीडिया से कहा है कि ई.1.167 वेरिएंट की शुरूआत भारत में ही हुई है और इसके संक्रमण की रफ्तार दूसरे वेरिएंट से कहीं अधिक तेज है। मौजूदा वर्ष में भारत में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने में इसी वेरिएंट का हाथ है। डॉक्टर मारिया का कहना है कि इस वेरिएंट का भी निदान संभव है। हालांकि उन्होंने इस वेरिएंट की अधिक से अधिक जानकारी जुटाने की अपील की है। खासतौर पर इस वेरिएंट की जेनेटिक इंफोर्मेशन को जुटाने के लिए उन्होंने वैज्ञानिकों से अपील की है, जिससे इसकी प्रकृति और इसके निदान को समझने में मदद मिल सकेगी। उन्होंने कहा है कि इसकी जानकारी को पूरी दुनिया में साझा किए जाने की भी जरूरत है। इससे पता चल सकेगा कि ये वेरिएंट आखिर किस स्तर पर फैल रहा है। गौरतलब है कि संगठन किसी भी वायरस के वेरिएंट को उसके घातक होने के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में रखता है। भारत में मिले ई.1.167 प्रकार को संगठन ने वेरिएंट आॅफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में रखा था। इस श्रेणी में मौजूद वेरिएंट को लेकर पूरी दुनिया में इसकी निगरानी रखने को लेकर चेतावनी दी जाती है और इससे बचाव को लेकर बेहद जागरुक रहने की जरूरत है। भारत में तबाही मचा रहे इस नए वेरिएंट से दूसरे देशों के लोगों को भी खतरा है, इसलिए इसके फैलाव को रोकने की दिशा में हम सबको को काम करना होगा।