- आजमगढ़ में हरिहरपुर घराने के संगीत विद्यार्थियों का शानदार प्रस्तुतीकरण
- प्रदेश सरकार संगीत के सभी महाविद्यालयों को पुनर्जीवित किया जा रहा
- शासकीय आयोजन व महोत्सव के साथ हरिहरपुर घराने को विशेष रूप से जोड़ेगी
- ग्राम हरिहरपुर को जनपद आजमगढ़ के साथ 2 लेन रोड कनेक्टिविटी के साथ जोड़ा जाए
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष जनपद आजमगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में हरिहरपुर घराने के संगीत विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिहरपुर संगीत घराने के पूर्वजों ने विपरीत परिस्थितियों में भी भारत की इस प्राचीन विधा को सुरक्षित रखा, यह अत्यन्त अभिनन्दनीय व सराहनीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिहरपुर संगीत घराने की एक लम्बी परम्परा है। संगीत की विभिन्न विधाओं में हरिहरपुर घराने का अपना एक अलग महत्व है। इस महत्वपूर्ण घराने को संसाधनों के अभाव में भी घराने के लोगों ने जीवित रखा है। यहां जिन कलाकारों ने मंच पर प्रस्तुति दी है, वह अत्यन्त सराहनीय है। यहां प्रस्तुत सांरगीवादन जीवंतता प्रदान कर रहा था। इस प्रस्तुतीकरण ने पूरे माहौल को अपनी ऊर्जा से ओतप्रोत कर दिया। इसे अपने अतीत के गौरव के साथ जोड़कर गौरवान्वित करते हुए आगे बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिहरपुर घराने ने देश को संगीत के क्षेत्र में कई ऊंचाइयां दी हैं। यह भारत की प्राचीन परम्परा है। इस घराने ने पं. स्व. गणेश प्रसाद मिश्र, स्व. पन्ना लाल मिश्र, पं. छन्नू लाल मिश्र, पं. काली प्रसाद मिश्र, पं. अम्बिका प्रसाद मिश्र जैसे अन्य अनेक विश्वविख्यात कलाकार दिए हैं। आजमगढ़ एक समय अपनी पहचान के लिए मोहताज था। यह सौभाग्य है कि यह घराना आजमगढ़ जनपद में है। यहां पर कजली महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस महोत्सव को सरकारी अनुदान नहीं मिलता था। अब प्रतिवर्ष प्रदेश सरकार इस आयोजन के साथ जुड़कर इसमें सहयोग करेगी। प्रदेश सरकार राज्य के किसी भी शासकीय आयोजन व महोत्सव के साथ हरिहरपुर घराने को विशेष रूप से जोड़ेगी। उन्होंने जिला प्रशासन से कहा कि ग्राम हरिहरपुर को जनपद आजमगढ़ के साथ 2 लेन रोड कनेक्टिविटी के साथ जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हरिहरपुर घराने ने लखनऊ के भातखण्डे विश्वविद्यालय को एक नई ऊंचाई प्रदान की है। आज भातखंडे महाविद्यालय प्रदेश का पहला संगीत का विश्वविद्यालय बन गया है। प्रदेश सरकार द्वारा संगीत के सभी महाविद्यालयों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। संगीत मानवीय जीवन के सर्वांगीण विकास का आधार है। यहां की संगीत विधा को पुनर्जीवित करने का अभिनव कार्य हरिहरपुर घराने द्वारा किया जा रहा है। इसलिए हरिहरपुर घराने को समर्पित करते हुए एक संगीत महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी। यहां पर डिग्री कोर्स का संचालन किया जाएगा। यहां की संगीत विधा को पुनर्जीवित करने के लिए हरिहरपुर घराने का सहयोग लिया जाए। इसके लिए जमीन की व्यवस्था कर महाविद्यालय का निर्माण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन विकास विभाग द्वारा ग्राम हरिहरपुर के विकास के लिए धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। उसी विकास कार्य के अवलोकन हेतु वे यहां पर आए हैं। उन्होंने पर्यटन विभाग से कहा कि हरिहरपुर ग्राम में स्थित प्राचीन शीतला मंदिर एवं महादेव मंदिर के आसपास के क्षेत्र का सौन्दर्यीकरण किया जाए। यहां पर स्थित ताल सरोवर को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जाए। हरिहरपुर घराने द्वारा 15 अगस्त के दिन इसमें तिरंगा फहराने का कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि हरिहरपुर घराने को किसी भी प्रकार के सहयोग के लिए राज्य सरकार तैयार है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने संगीत घराने के विद्यार्थियों को बैग प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर श्री आदर्श मिश्रा द्वारा राग तोड़ी एवं कजरी का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस अवसर पर पंचायतीराज मंत्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र दयालु, कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही, आजमगढ़ के सांसद दिनेश लाल निरहुआ, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।