रोटरी क्लब ने 25 क्षय रोगी और गोद लिए

Share on

  • गोद लिए गए क्षय रोगियों को पुष्टाहार और कंबल प्रदान किए गए
  • नियमित रूप से दवा और पौष्टिक आहार लेते रहें : डा. सुभाष गुप्ता
    गाजियाबाद। भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी गाजियाबाद की प्रेरणा से रोटरी क्लब आॅफ गाजियाबाद ग्रेटर ने 25 क्षय रोगियों को और गोद लिया है। बुधवार को विजयनगर टीबी यूनिट पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान गोद लिए क्षय रोगियों को पुष्टाहार और कंबल प्रदान किए गए। रेडक्रॉस सोसायटी के सभापति डा. सुभाष गुप्ता ने इस मौके पर क्षय रोगियों को नियमित रूप से दवा और पौष्टिक आहार लेने के प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक (एसटीएस) चंद्रप्रकाश गौड़, टीबीएचवी कपिल चौधरी और राजेश कुमार गुप्ता, वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक गौतम सिंह, लैब टेक्नीशियन अशोक कुमार उपस्थित रहे। इस मौके पर जिला पीपीएम समन्वयक दीपाली गुप्ता ने बताया – टीबी अधिकतर मामलों में फेफड़ों को प्रभावित करती है और फेफड़ों की टीबी सांस के जरिए फैलती है, इसलिए क्षय रोगी उपचार शुरू होने के दो माह तक मास्क का इस्तेमाल जरूर करें। दो माह का उपचार पूरा होने के बाद रोगी से संक्रमण फैलना बंद हो जाता है। मास्क लगाने से क्षय रोगी के नजदीक रहने वाले यानि उसके अपनों को संक्रमण से बचाया जा सकता है। ऐसा करने से टीबी संक्रमण की श्रृंखला टूटेगी और टीबी को हराकर देश जीतेगा। उन्होंने कहा- क्षय रोगी अपने सभी परिजनों को भी टीबी जांच कराने के लिए प्रेरित करें।
    किसी भी हाल में बीच में दवा न छोड़ें क्षय रोगी : सीएमओ
    मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि क्षय रोगियों को नियमित रूप से दवा खाने के साथ ही उच्च प्रोटीन और विटामिन युक्त पौष्टिक आहार लेना जरूरी होता है। दवा और अच्छे खानपान से रोगी जल्दी ठीक हो जाते हैं। उन्होंने कहा- किसी भी हाल में क्षय रोगी बीच में दवा खाना न छोड़ें। उन्हें किसी तरह की परेशानी होती है तो चिकित्सक से परामर्श लें। दवा बीच में छोड़ने से टीबी जानलेवा हो सकती है, जबकि नियमित रूप से दवा खाने पर अधिकतर मामलों में क्षय रोगी पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। क्षय रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और ऐसे में दूसरे संक्रमण लगने का खतरा बढ़ जाता है लेकिन पौष्टिक आहार लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर रहती है और दूसरी बीमारियां रोगी को अपनी चपेट में नहीं ले पातीं।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *