संक्रमित आंख को देखने से नहीं होता आंखों में संक्रमण: सीएमओ

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  • संक्रामक रोगों से बचाव के लिए जरूरी है साफ-सफाई
  • संक्रामक रोगों के लिए संवेदनशील होता है बरसात का मौसम
  • वातावरण में नमी बढ़ने से सक्रिय हो जाते हैं वायरस
    गाजियाबाद। सीएमओ और वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि आई फ्लू संक्रामक रोग है जो एडीनो वायरस के कारण होता है। आई फ्लू का संक्रमण संक्रमित आंखों को छूने से हाथ पर आ सकता है, इसलिए आंख छूने से पहले और बाद में हाथ साबुन-पानी से धोएं। बचाव के लिए भी हाथों की सफाई करते रहना जरूरी है। आंखों पर हाथ लगाने से बचें। आई फ्लू को बोलचाल की भाषा में आंख आना कहते हैं, यह संक्रमण संक्रमित आंख को देखने से नहीं होता, यह एक मिथक है। आंख आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक से परामर्श लें।
    ेउन्होंने बताया कि बरसात का मौसम संक्रामक रोगों के लिए अति संवेदनशील होता है, इसलिए हर वर्ष जुलाई माह में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाता है। इस अभियान का उद्देश्य साफ- सफाई के साथ ही आमजन को संक्रामक रोगों के प्रति जागरूक करना है ताकि जानकारी की मदद से लोग अपना बचाव कर सकें। यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने कहीं। उन्होंने बताया कि संक्रामक रोगों से बचाव के लिए सबसे जरूरी है साफ-सफाई। अपने हाथों को साफ रखें ताकि वायरस का फैलाव रोका जा सके। इसके साथ ही अपने घर के आसपास सफाई रखें ताकि मच्छर जनित परिस्थितियां पैदा न हों। डेंगू और मलेरिया जैसे संक्रामक रोगों के वाहक मच्छर ही होते हैं।
    सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि 17 जुलाई से शुरू हुए दस्तक अभियान के पहले सप्ताह में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत जनपद में आशा कार्यकतार्ओं ने 81 प्रतिशत गृहों का भ्रमण किया, प्रदेश स्तर पर यह आंकड़ा 84 प्रतिशत रहा। बुखार के जल्दी उपचार को लेकर जिले में 93 प्रतिशत परिवारों को संवेदीकरण किया गया, प्रदेश स्तर पर यह आंकड़ा 86 प्रतिशत रहा। इसी प्रकार मच्छर जनित परिस्थितियों को लेकर जिले में कुल 96 प्रतिशत परिवारों का संवेदीकरण किया गया जबकि पूरे उत्तर प्रदेश की बात करें तो 74 प्रतिशत रहा। इसी प्रकार बाल विकास एवं पुष्टाहार सेवा विभाग (आईसीडीएस) की ओर से दस्तक अभियान के पहले सप्ताह के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं ने जिले में 74 प्रतिशत घरों का भ्रमण किया, सूबे में यह आंकड़ा 58 प्रतिशत रहा। आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं ने जनपद में 96 प्रतिशत परिवारों को कुपोषण के कारण और प्रभाव के बारे में बताया, प्रदेश में कुल 89 प्रतिशत परिवारों को कुपोषण को लेकर संवेदीकरण किया गया।
    जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) डा. राकेश गुप्ता ने बताया कि वर्ष- 2023 में अब तक जनपद में डेंगू के 10 और मलेरिया के नौ मामले मिले हैं। इसके अलावा स्क्रब टाइफस के 12 और लेप्टोस्पायरोसिस के भी दो मामले सामने आये हैं। वर्ष – 2022 में डेंगू के 901, मलेरिया के 19, चिकनगुनिया के तीन, स्क्रब टाइफस के 95 और लेप्टोस्पायरोसिस के चार मामले सामने आए थे। डीएसओ ने सभी जिला स्तरीय चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिए हैं कि संक्रामक रोगों की जानकारी मेल के जरिए जिला सर्विलांस यूनिट (आईडीएसपी) को देते रहें, साथ ही एपिडेमियोलॉजिस्ट डा. शिवी अग्रवाल को भी तत्काल व्हाट्स एप पर अपडेट करें। डीएसओ ने बताया – सभी चिकित्सा इकाइयों को रिपोर्टिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

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