यार बिना चैन कहां रे…नहीं रहे बप्पी लहरी

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  • लता मंगेशकर के बाद बप्पी के निधन से फिल्मी दुनिया को एक और आघात
    नई दिल्ली।
    तम्मा तम्मा लोगे, यार बिना चैन कहां रे, ऊ लाला ऊ लाला जैसे गानों को अपनी कला से लोगों की जुबान पर लाने वाले बप्पी लहरी अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। उनके यूं अचानक चले जाने से गीत-संगीत की दुनिया को एक और आघात पहुंचा है। लता मंगेशकर के बाद पांच हजार से अधिक गाने कंपोज करने वाले बप्पी लहरी का रात निधन हो गया। बीमारी के चलते वे अस्पताल में भर्ती थे। फिल्म इंडस्ट्री करीब 48 साल देने वाले बप्पी लहरी के निधन पर पीएम मोदी ने भी संवेदना व्यक्त की हैं। उन्होंने हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, गुजराती, मराठी, पंजाबी, उड़िया, भोजपुरी, आसमी भाषाओं के साथ-साथ बांग्लादेश की फिल्मों और अंग्रेजी गानों को भी कंपोज किया था।
    69 साल के बप्पी लहरी का आॅब्सट्रिक्टिव स्लीप एपनिया के चलते निधन हुआ। उन्हें एक महीने के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सोमवार को उन्हें छुट्टी भी मिल गई थी। मंगलवार को अचानक उनकी हालत खराब हुई और उनके परिवार ने डॉक्टर को घर आने के लिए कहा। उन्हें वहां से अस्पताल ले जाया गया। उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं। बीते साल अप्रैल के महीने में बप्पी लहरी कोरोना की चपेट में आ गए थे। इसके बाद मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। कुछ दिन के इलाज के बाद उनकी रिकवरी हो गई थी।
    बप्पी लहरी अपनी आवाज के अलावा भारी भरकम सोने के गहने पहनने के कारण भी अपनी अलग पहचान रखते थे। वह अपने हाथों और अंगुलियों में भी अंगूठी व कड़े पहने रखते थे। उन्हें लोग डिस्को किंग भी बुलाते थे। 70-80 के दशक में उन्होंने सभी को उनके गानों पर थिरकने को मजबूर कर दिया था। उन्होंने बॉलीवुड की कई फिल्मों में ऐसे संगीत दिए और गाने गाए जो सदाबहार बन गए।

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