जागरूकता से बढ़ रही परिवार नियोजन की स्वीकार्यता

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  • अप्रैल-मई में 166 महिलाओं ने स्वेच्छा से कराई नसबंदी
  • दो माह में 1686 महिलाओं ने तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा अपनाया
  • आईयूसीडी-पीपीआईयूसीडी अपनाने वाली महिलाओं की संख्या दो हजार के पार
    गाजियाबाद।
    खुशहाल परिवार दिवस जैसे आयोजन और लगातार मॉनिटरिंग, परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रति जागरूकता और स्वीकार्यता बढ़ाने में कारगर साबित हो रही है। परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों के प्रति बढ़ता रुझान इसका प्रमाण है। महिला नसबंदी की बात करें तो चालू वित्त वर्ष के पहले दो माह में महिला नसबंदी की संख्या पिछले वर्ष इसी दौरान हुई नसबंदी के मुकाबले तीन गुना से अधिक रही, तो परिवार नियोजन के साधनों में भी गुणात्मक वृद्धि देखी गई।
    मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले दो माह (अप्रैल-मई) में जिले में अपना परिवार पूरा कर चुकीं 166 महिलाओं ने स्वेच्छा से नसबंदी कराकर परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाया। वर्ष 2021-22 में अप्रैल-मई के दौरान जिले में कुल 50 महिलाओं ने नसबंदी कराई थी। हालांकि पुरुष नसबंदी पिछले साल के ही बराबर रहीं। लेकिन ह्लअंतराह्व अपनाने वाली महिलाओं की संख्या दो गुना से अधिक बढ़ गई। पिछले वर्ष अप्रैल-मई के दौरान जहां कुल 763 अंतरा लगे थे वहीं इस बार इन्हीं दो माह के दौरान जनपद में 1686 महिलाओं ने अस्थाई गर्भ निरोधक के रूप में अंतरा अपनाया।
    नगरीय स्वास्थ्य मिशन प्रभारी एसीएमओ डा. आरके गुप्ता ने बताया परिवार नियोजन के प्रति बढ़ती जागरूकता का ही नतीजा है कि अस्थाई साधनों का प्रयोग शहरी क्षेत्र में नौ गुना तक बढ़ा है। अप्रैल-मई, 2022 में जिला महिला चिकित्सालय में ही कुल 57 महिलाओं ने आईयूसीडी लगवाई जबकि वर्ष 2021 में अप्रैल और मई माह के दौरान केवल चार महिलाओं ने ही आईयूसीडी अपनाई थी। इतना ही नहीं जिला महिला चिकित्सालय में अप्रैल-मई 2021 में जहां केवल 44 पीपीआईयूसीडी लगाई गई थीं वहीं अप्रैल- मई, 2022 में 221 पीपीआईयूसीडी लगाई गईं। लोनी में तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन ह्लअंतराह्व के मामले में नौ गुना वृद्धि दर्ज हुई है। पिछले वर्ष अप्रैल-मई के दौरान जहां लोनी में कुल 11 अंतरा लगाए थे, इस अप्रैल और मई में 99 गर्भनिरोधक इंजेक्शन लगाए गए हैं।
    परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. विश्राम सिंह ने बताया – अप्रैल-मई 2022 के दौरान सबसे ज्यादा लोनी में 48, जिला महिला चिकित्सालय में 39, मुरादनगर में 25, संयुक्त जिला चिकित्सालय में 14 और भोजपुर में आठ महिला नसबंदी हुईं। इसी दरम्यान लोनी में पांच और मुरादनगर में दो पुरुष नसबंदी हुईं। अस्थाई साधनों में सबसे ज्यादा ह्लअंतराह्व की मांग रही। अप्रैल और मई माह के दौरान भोजपुर में 140, जिला महिला चिकित्सालय में 59, संयुक्त जिला चिकित्सालय में तीन, लोनी में 99, मुरादनगर में 195, रजापुर में 72 और निजी अस्पतालों समेत शहरी क्षेत्र में 1118 महिलाओं ने भरोसा जताया।
    डा. सिंह ने बताया इन दो माह के दौरान भोजपुर में 114, संयुक्त जिला चिकित्सालय में दो, जिला महिला चिकित्सालय में 57, लोनी में 182, मुरादनगर में 155, रजापुर में 98 और निजी चिकित्सालयों समेत शहरी क्षेत्र में कुल 750 महिलाओं ने गर्भनिरोधक के रूप में आईयूसीडी को चुना। इसके साथ ही भोजपुर में 82, महिला चिकित्सालय में 221, लोनी में 282, मुरादनगर में 64, रजापुर में 27 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी के सहारे अपना परिवार नियोजित करने का निर्णय लिया। डा. विश्राम सिंह ने बताया मंगलवार को जनपद में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया गया और बॉस्केट आॅफ च्वाइस के जरिए अपनी योजना के मुताबिक परिवार पूरा करने के विकल्पों की जानकारी दी गई।

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