लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार की ट्रेस, टेस्ट एंड ट्रीट नीति कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने में उपयोगी सिद्ध हुई है। उन्होंने कोविड-19 से बचाव व उपचार की व्यवस्थाओं को पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घंटों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 19 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 16 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 182 है। जनपद अलीगढ़, अमरोहा, अयोध्या, आजमगढ़, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बस्ती, बहराइच, भदोही, बिजनौर, बुलन्दशहर, चन्दौली, चित्रकूट, एटा, फरुर्खाबाद, फतेहपुर,, गोण्डा, हमीरपुर, हरदोई, हाथरस, कानपुर देहात, कासगंज, महोबा, मुरादाबाद, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रामपुर, सहारनपुर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र और सुल्तानपुर में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर 98.7 प्रतिशत है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 2,21,226 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 07 करोड़ 55 लाख 39 हजार 756 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कोविड वैक्सीनेशन कार्य को पूरी सक्रियता से संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि संक्रमण से बचाव में कोविड टीकाकरण एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। बैठक में अवगत कराया गया कि प्रदेश में कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है। राज्य में गत दिवस तक 08 करोड़ 97 लाख 71 हजार 769 कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। यह किसी भी प्रदेश में किया गया सर्वाधिक टीकाकरण है।
मुख्यमंत्री ने जनपद फिरोजाबाद में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 10 चिकित्सकों तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से 5 विशेषज्ञों की एक नई टीम को तत्काल भेजे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह टीम एक सप्ताह तक वहां कैम्प करेगी तथा अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की मॉनिटरिंग करेगी। उन्होंने कहा कि नगर विकास तथा ग्राम्य विकास विभाग द्वारा अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती कर स्वच्छता व फॉगिंग के कार्य में तेजी लायी जाए।
मुख्यमंत्री ने डेंगू व अन्य वायरल बीमारियों के सम्बन्ध में प्रदेशव्यापी सर्विलान्स कार्यक्रम को और प्रभावी बनाए जाने के निर्देश दिये। बुखार व संक्रमण के अन्य लक्षणों के संदिग्ध मरीजों की पहचान कर, उन्हें उचित परामर्श दिया जाए। अस्पतालों में बेड एवं दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में चिकित्सकों की रिक्तियों की समीक्षा की जाए। आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाए।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि केन्द्र व राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से प्रदेश में अब तक 409 आॅक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि शेष 146 प्लांट की स्थापना की कार्यवाही भी तेजी से की जाए। तकनीशियनों का प्रशिक्षण शीघ्र पूरा कराया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी जिलाधिकारी निर्माणाधीन प्लांट के कार्यों का नियमित निरीक्षण करें।
उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर, 2021 तक समस्त देय छात्रवृत्ति तथा शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान अवश्य कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने सचिवालय सहित सभी संवेदनशील शासकीय कार्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भवनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी नवगठित उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षाबल (यूपीएसएसएफ) को दिए जाने पर विचार किया जाए।