- साथी फाउंडेशन के सहयोग से हुआ स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
- 24 बुजुर्ग मिले डाय?बिटिक, 20 को मोतियाबिंद, 10 हाइपरटेंशन से पीड़ित
- एक बुजुर्ग के गले में गांठ मिली, टीबी की जांच के लिए आठ के स्पुटम लिए
गाजियाबाद। एकीकृत निक्षय दिवस के मौके पर बृहस्पतिवार को दुहाई स्थित वृद्धाश्रम में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित वृद्धाश्रम में 90 बुजुर्ग निवास कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर के निर्देशन में निक्षय मित्र साथी फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित शिविर में 50 बुजुर्गों ने अपनी स्क्रीनिंग कराई। शिविर में क्षय रोग इकाई से वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक (एसटीएस) हरीश ने टीबी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि टीबी अब लाइलाज नहीं है, नियमित उपचार के बाद पूरी तरह ठीक हो जाती है। स्वास्थ्य शिविर के दौरान हुई स्क्रीनिंग में सबसे अधिक 24 बुजुर्ग उच्च मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित मिले। इसके अलावा 20 मोतियाबिंद और 10 उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) से पीड़ित निकले। एक बुजुर्ग के गले में गांठ मिली है, टीबी की संभावना होने के चलते गांठ से सीरम लेकर जांच की जाएगी। आठ बुजुर्गों में टीबी से मिलते-जुलते लक्षण पाए जाने पर जांच के लिए उनका स्पुटम (बलगम का नमूना) लिया गया है। सीएमओ के निर्देशन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मुरादनगर की टीम वृद्धाश्रम पहुंची थी। इस टीम में नेत्र सर्जन डा. स्वाति खोखर, फार्मासिस्ट राजेश यादव, एसटीएस हरीश, आॅप्टोमेट्रिस्ट अंशु सिंह और लैब असिस्टेंट विशाल शामिल रहे। शिविर में निक्षय मित्र साथी फाउंडेशन की अध्यक्ष काजल छिब्बर अपनी टीम के साथ मौजूद रहीं। श्रीमती छिब्बर ने दर्द से पीड़ित बुजुर्गों को क्रेप बेंडेज और दर्द निवारक जेल का प्रदान किया। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. अमित विक्रम ने बताया – हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन किया जाता है। इस बार 15 तारीख को भैया दूज के चलते सार्वजनिक अवकाश होने के कारण एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन बृहस्पतिवार को किया गया। उन्होंने बताया कि सीएमओ के निर्देशन में 23 नवंबर से जनपद में सक्रिय टीबी रोगी खोज (एसीएफ) शुरू हो रहा है। पहले दो दिन आवासीय परिसरों (यथा – वृद्धाश्रम, अनाथ आश्रम, कारागार और छात्रावास) में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर टीबी स्क्रीनिंग की जाएगी। आवासीय परिसरों के बाद 25 नवंबर से पांच दिसंबर तक एसीएफ टीम घर-घर जाकर क्षय रोगी खोजेंगी।