- जिला चिकित्सालय में 24 घंटे जांच सुविधा उपलब्ध
गाजियाबाद। जनपद में डेंगू और मलेरिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। जुलाई माह में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान जागरूकता के लिए जहां तमाम गतिविधियों का आयोजन किया गया वहीं विभिन्न स्थानों पर मिला लार्वा नष्ट किया गया, लेकिन भारी बरसात के चलते अभी भी तमाम स्थानों पर जलभराव के चलते संचारी रोगों का खतरा बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संबंध में बुधवार को एडवाइजरी जारी की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि जिला एमएमजी चिकित्सालय स्थित आईडीएसपी में 24 घंटे और सातों दिन डेंगू – मलेरिया आदि की जांच उपलब्ध है। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी प्रतिदिन जांच सुविधा उपलब्ध है। सीएमओ ने बताया कि सभी जिला स्तरीय और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू वार्ड बनाएं गए हैं, जहां बेड उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला सर्विलांस अधिकारी डा. आरके गुप्ता की ओर से आमजन को संचारी रोगों (डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टाइफाइड, स्क्रब टाइफस, लैप्टोपायरोसिस) से बचाव के लिए जागरूक रहने का आह्वान किया गया है। डीएसओ ने कहा है कि यह मामले लापरवाही होने पर जानलेवा हो सकते हैं। उन्होंने बताया – मंगलवार तक जिले में डेंगू के 29 मामले सामने आ चुके हैं।
डीएसओ डा. आरके गुप्ता ने बताया कि डेंगू के फैलाव के लिए जिम्मेदार एडीज मच्छर रुके हुए स्वच्छ पानी में पनपता है और यह दिन में काटता है। इसलिए घर के अंदर रखे गमले, फ्रिज और कूलर को नियमित रूप से साफ करते रहें। ज्यादा दिनों के लिए बाहर जाएं तो बाथरूम में टब और बाल्टी को खाली कर उल्टा कर दें। छत पर रुका बारिश का पानी निकाल दें और पुराने टायर या डिब्बों में पानी न भरने दें ताकि एडीज मच्छर के लिए प्रजनन के लिए सुरक्षित स्थान न मिलने पाए। इसके साथ ही पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। एडीज मच्छर कम ऊंचाई तक उड़ता है, इसलिए पैरों को ढक कर रखें। डा. गुप्ता ने बताया कि मलेरिया के लिए जिम्मेदार मच्छर मादा एनाफिलीज मच्छर रुके हुए गंदे पानी में अंडे देती है। घर के आसपास साफ सफाई रखें। नालियों को साफ करते रहें और बच्चों को घर से बाहर निकलते समय पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनाएं। मलेरिया का मच्छर घर बाहर गंदगी वाली जगहों पर पैदा होता है। घर में बना हुआ स्वच्छ और पौष्टिक भोजन का सेवन करें ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहे। बुखार होने पर पेरासिटामोल के अलावा कुछ न दें, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से परामर्श लें।
हर स्कूल में एक शिक्षक को नोडल नामित किया जाए: डीएसओ
जिला सर्विलांस अधिकारी डा. आरके गुप्ता ने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर फुल स्लीव वाली यूनिफॉर्म अनिवार्य करने के लिए कहा है। मच्छरों से बचाव के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना जरूरी है। इसके अलावा सभी स्कूलों में एक शिक्षक को नोडल अधिकारी नामित करने के लिए कहा गया है। नोडल अधिकारी स्कूल की प्रार्थना सभा में डेंगू और मलेरिया से बचाव के बारे में दी गई जानकारी को पढ़कर सुनाएंगे। इसके साथ ही छात्रों को मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करने का प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। उन्हें बताया जाएगा कि घरों में मच्छरों का प्रजनन होने से कैसे रोकना है।