- मुख्यमंत्री योगी से आस्ट्रेलियाई निवेशकों के प्रतिनिधिमंडल ने आस्ट्रेलिया की डिप्टी हाई कमिश्नर के नेतृत्व में की शिष्टाचार भेंट
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यहां उनके सरकारी आवास पर आस्ट्रेलियाई निवेशकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आस्ट्रेलिया की डिप्टी हाई कमिश्नर सारा स्टोरे के नेतृत्व में शिष्टाचार भेंट की। भेंट के दौरान औद्योगिक दल ने प्रदेश में विविध सेक्टरों में निवेश की सम्भावनाओं पर चर्चा की, साथ ही यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में सहभागिता के लिए उत्साह भी जताया।
उत्तर प्रदेश आगमन पर प्रतिनिधिमंडल का अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत सुखद है कि आज जबकि उत्तर प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल जर्मनी में औद्योगिक जगत के प्रतिनिधियों तथा निवेशकों के साथ प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा कर रहा है, वहीं आस्ट्रेलिया की डिप्टी हाई कमिश्नर सारा स्टोरे के नेतृत्व में औद्योगिक निवेशकों का समूह उत्तर प्रदेश के औद्योगिक माहौल का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने प्रदेश की राजधानी में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी 10 से 12 फरवरी, 2023 तक लखनऊ में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर रही है। राज्य में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी के लक्ष्य के साथ हमारा प्रयास है कि प्रदेश में उपलब्ध असीम व्यावसायिक अवसरों से देश और दुनिया लाभान्वित हो सके। यह इन्वेस्टर्स समिट वैश्विक औद्योगिक जगत को प्रदेश के आर्थिक विकास में सहयोग करने के लिए एक इंटिग्रेटेड मंच प्रदान करने में उपयोगी सिद्ध होगी। आस्ट्रेलिया के उद्यमियों/निवेशकों का सहयोग इस समिट को नई ऊंचाई तक ले जाने में उपयोगी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत में सबसे बड़ी आबादी का प्रदेश है। यह भारत का हृदय स्थल है। यहां की उर्वर भूमि इस प्रदेश की समृद्धि का मूलाधार है। हम भारत में खाद्यान्न उत्पादन में प्रथम स्थान पर हैं। चीनी और एथेनॉल का सर्वाधिक उत्पादन यहीं होता है। विभिन्न सब्जियों और फलों के उत्पादन में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर हैं। प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा वाला उत्तर प्रदेश आज भारत की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में नई पहचान बना रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश आकार में भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। राज्य में 25 करोड़ नागरिक निवास करते हैं, जो इसे भारत का सबसे बड़ा श्रम एवं उपभोक्ता बाजार बनाते हैं। प्रदेश सरकार वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए त्वरित गति से बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है। इससे उद्योगों को वैश्विक एवं घरेलू बाजार तक पहुंच बनाने में लॉजिस्टिक्स की सुलभता में वृद्धि होगी।
प्रदेश में उपलब्ध शानदार कनेक्टिविटी से अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 6 एक्सप्रेस-वे क्रियाशील हैं तथा 7 एक्सप्रेस-वे विकसित किये जा रहे हैं। इनके माध्यम से प्रदेश में विश्वस्तरीय रोड कनेक्टिविटी की उपलब्धता है। यह एक्सप्रेस-वे पूरे राज्य में मैन्युफैक्चरिंग केंद्रों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं। उत्तर प्रदेश 5 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला देश का एकमात्र राज्य बनने जा रहा है। यहां देश का पहला अंतर्देशीय जलमार्ग (इनलैंड वॉटर-वे) विकसित किया जा रहा है। सबसे बड़ा रेल नेटवर्क उत्तर प्रदेश में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दुनिया की सबसे उर्वर भूमि तथा सबसे संपन्न जल संसाधन है। जीरो बजट वाली विषमुक्त खेती के रूप में उत्तर प्रदेश प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रहा है। यह किसानों की आय को बढ़ाने में उपयोगी प्रयास होगा। राज्य में कृषि के बाद एमएसएमई रोजगार का सबसे बड़ा क्षेत्र है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से राज्य सरकार ने प्रदेश के परंपरागत उद्यम की मैपिंग की और उस अनुसार कार्यक्रम बनाये। आज प्रदेश में 90 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं जो करोड़ों युवाओं के सेवायोजन का माध्यम बनी हैं। एक जनपद एक उत्पाद की हमारी अभिनव योजना है। इसके अन्तर्गत प्रदेश के सभी जनपदों का अपना यूनिक उत्पाद है। प्रदेश सरकार उसकी ब्रांडिंग तथा मार्केटिंग कर रही है। यह योजना राज्य के निर्यात को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है, अत: हमारे सामने चुनौतियां भी बहुत हैं। यह चुनौतियां हमें बड़े लक्ष्य तय करने और कड़ी मेहनत के लिए प्रोत्साहित करती हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान हमारी प्रबंधन नीति को विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित अनेक वैश्विक संस्थाओं ने सराहा है। तमाम चुनौतियों के बाद भी उत्तर प्रदेश आज पावर सरप्लस और रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में अपने बड़े लक्ष्यों के साथ लगातार आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में अनेक औद्योगिक परियोजनाओं पर काम कर रही है। आईटी/आईटीईएस, डेटा सेंटर, ईएसडीएम, डिफेंस एवं एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एमएसएमई, सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए राज्य में लगभग 25 सेक्टोरल नीतियों को तैयार करके नीति संचालित शासन के माध्यम से औद्योगिक विकास के अनुकूल इको सिस्टम बनाने की दिशा में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण केंद्र है। आईआईटी और आईआईएम जैसी विश्वस्तरीय संस्थाओं के साथ राज्य में 79 विश्वविद्यालय हैं। कृषि विश्वविद्यालय हैं। प्रदेश में 2 एम्स संचालित हैं। राज्य सरकार प्रत्येक जनपद में मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर रही है। प्रदेश के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में भी निवेशकों के लिए उपयुक्त अवसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में अनेक औद्योगिक परियोजनाओं पर काम कर रही है। भारत को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य के साथ स्थापित हो रहे दो डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में से एक का विकास उत्तर प्रदेश में किया जा रहा है। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में 06 नोड्स-आगरा, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी एवं चित्रकूट चिन्हित हैं। इसके अलावा, यहां सर्विस और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में भी निवेश की असीम संभावनाएं हैं। प्रदेश के ईज आफ डूइंग बिजनेस और ईज आफ स्टार्टिंग बिजनेस के शानदार माहौल से प्रभावित आस्ट्रेलियाई दल की विविध जिज्ञासाओं का समुचित समाधान करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने निवेशकों के व्यावसायिक हितों का संरक्षण करती रही है। हमारी नीतियां वैश्विक जगत के लिए उत्साहवर्धक होंगी।
सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न इस बैठक में आस्ट्रेलियाई निवेशक समूह ने उत्तर प्रदेश की अनेक सेक्टोरल पॉलिसी पर चर्चा की, साथ ही यूपी जीआईएस 2023 में सहभागिता करने के लिए अपना उत्साह भी जताया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर, अपर सूचना निदेशक अंशुमान राम त्रिपाठी एवं आस्ट्रेलियाई प्रतिनिधि मंडल के सदस्य उपस्थित थे।