- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में किया गया जागरुक कार्यक्रम
गाजियाबाद। बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं और भविष्य को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक है कि वर्तमान में एक मजबूत नींव रखी जाये, क्योंकि मजबूत नींव पर ही उज्जवल भविष्य की मजबूत इमारत की कामना की जा सकती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गाजियाबाद की सचिव नूतन द्विवेदी ने अवगत कराया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार सिन्हा के संरक्षण में प्रोजेक्ट काका के तहत एक वेबीनार जूम के द्वारा आयोजित किया गया। इस वेबीनार में जनपद गाजियाबाद के लगभग दो सौ स्कूल के प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। वेबीनार में समाज सेविका पर्णिका रस्तोगी, उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय दिल्ली की अधिवक्ता नेहा त्यागी तथा मनोवैज्ञानिक प्रतिभा मल्होत्रा ने बच्चों के साथ हो रहे लैंगिक शोषण के सम्बन्ध में विधिक, मनोवैज्ञानिक तथा सामाजिक जानकारी को साझा किया और प्रधानाचार्यों तथा शिक्षकों को स्कूल के छोटे बच्चों को लैंगिक शोषण से बचाने के विधिक बिन्दुओं गाइडलाइन आदि को बताया।
सचिव नूतन द्विवेदी द्वारा वेबीनार को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि छोटे बच्चों को सुरक्षित रखना सम्पूर्ण समाज की जिम्मेदारी है। माता-पिता के साथ बच्चों के शिक्षक बच्चों के सबसे करीब होते हैं और शिक्षक बच्चों के आदर्श होते हैं। इस तरह शिक्षक समाज में बच्चों को लैंगिक शोषण से बचाव के लिए जागरूक करके देश के निर्माण व स्वर्णिम भविष्य को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। बच्चे के साथ हुआ शोषण बच्चे के मानसिक, लैंगिक व भावनात्मक रूप से जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रभावित करता है और बच्चों के विकास में लैंगिक शोषण अवरोधक होता है, इसलिए बच्चों को इस सम्बन्ध मे जागरूक करना एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके द्वारा शोषण के मामलों में हो रही वर्तमान गुणात्मक वृद्धि को रोका जा सकता है। बच्चों की सुरक्षा हेतु सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं। बाल शोषण के अपराधी व्यक्ति को सजा देने के लिए भारतीय दण्ड संहिता, पॉक्सो एक्ट तथा ज्यूवेनाइल अधिनियम में कई प्रावधान दिये गये हैं। किसी भी बच्चे के साथ हो रहे शोषण की घटना को दर्ज कराने के लिए 1098 टोल फ्री नम्बर पर घटना की सूचना सीधे त्वरित कार्यवाही हेतु दर्ज करायी जा सकती है।