लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अग्निपथ योजना को मंजूरी दिये जाने का स्वागत करते हुए कहा कि अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों के सामर्थ्य में वृद्धि करेगी। यह योजना देश की सुरक्षा को सुदृढ़ करेगी। उन्होंने अग्निपथ योजना के लिए प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना भारतीय सैन्य इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय का सृजन करेगी।
ज्ञातव्य है कि अग्निपथ योजना का लक्ष्य सशस्त्र बलों को आधुनिक तकनीक से युक्त युवा शक्ति से जोड़ना है। इन युवाओं को अग्निवीर की संज्ञा दी गयी है। अग्निपथ योजना के माध्यम से युवाओं को देश की सेवा करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने का अनूठा अवसर प्राप्त होगा। इस वर्ष 46,000 अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। अग्निवीर बढ़ते भारत की बढ़ती आकांक्षाओं के अनुरूप राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक योगदान दे सकेंगे। राष्ट्र सेवा की अवधि के दौरान अग्निवीरों को विभिन्न सैन्य कौशल और अनुभवों की प्राप्ति होगी तथा उनके अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, साहस एवं शारीरिक फिटनेस में वृद्धि होगी।
अग्निपथ योजना के माध्यम से सभ्य समाज में सैन्य लोकाचार के साथ अनुशासित और कुशल युवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। सशस्त्र बलों में युवा और अनुभवी कर्मियों के बीच एक अच्छा संतुलन सुनिश्चित होगा। अग्निवीर के सैन्य कार्यकाल की समाप्ति के बाद नागरिक दुनिया में उनकी प्रगति के जो रास्ते और अवसर खुलेंगे, वे निश्चित ही राष्ट्र निर्माण की दिशा में लाभदायक सिद्ध होंगे।
आत्म-अनुशासन, परिश्रम और ध्यान की गहरी समझ के साथ अत्यधिक प्रेरित युवाओं के संचार से राष्ट्र को अत्यधिक लाभ होता है, जो पर्याप्त रूप से कुशल होंगे और अन्य क्षेत्रों में योगदान करने में सक्षम होंगे। राष्ट्र, समाज और राष्ट्र के युवाओं के लिए इस अल्पकालिक सैन्य सेवा के लाभांश बहुत अधिक हैं। इसमें देशभक्ति की भावना, टीम वर्क, शारीरिक फिटनेस में वृद्धि, देश के प्रति निष्ठा और खतरों, आंतरिक खतरों और प्राकृतिक आपदाओं के समय राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की उपलब्धता शामिल हैं।
सशस्त्र बलों द्वारा समय-समय पर घोषित की गई संगठनात्मक आवश्यकता और नीतियों के आधार पर चार साल की सेवा पूरी होने पर, अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में स्थायी नामांकन के लिए आवेदन करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। इन आवेदनों पर उनकी चार साल की कार्यावधि के दौरान प्रदर्शन सहित उद्देश्य मानदण्डों के आधार पर केन्द्रीयकृत तरीके से विचार किया जाएगा और प्रत्येक विशिष्ट बैच के 25 प्रतिशत तक सशस्त्र बलों के नियमित कैडर में नामांकित किया जाएगा।