लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए हैं। अपने सरकारी आवास पर आहूत टीम-9 की बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रदेश के सभी शासकीय/निजी कार्यालयों में एक समय में 50 प्रतिशत कार्मिकों की भौतिक उपस्थिति की व्यवस्था लागू की जाए। यह व्यवस्था आवश्यक सेवाओं से सम्बन्धित कार्यालयों पर लागू नहीं होगी। आवश्यकतानुसार वर्क फ्रॉम होम संस्कृति को प्रोत्साहित किया जाए। निजी क्षेत्र के कार्यालयों में सेवारत कोई कर्मचारी यदि कोविड पॉजीटिव होता है तो उसे भी न्यूनतम 7 दिनों का वेतन सहित अवकाश अनुमन्य कराया जाए। सभी कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना अनिवार्य रूप से करायी जाए। बिना स्क्रीनिंग किसी को प्रवेश न दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैरिएंट पूर्व के वैरिएंट्स की तुलना में बहुत कम नुकसानदेह है। बहुत कम संख्या में लोगों को अस्पताल मे भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है। कोविड के खिलाफ वैक्सीन सुरक्षा कवच है। वैक्सीन का सुरक्षा कवच प्राप्त कर चुके स्वस्थ और सामान्य व्यक्तियों के लिए यह वैरिएंट बड़ा खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन की उपयोगिता को देखते हुए जल्द से जल्द सभी पात्र लोगों का टीकाकरण किया जाए। 15 से 17 वर्ष के किशोर बच्चों के टीकाकरण के दृष्टिगत अधिक से अधिक स्कूलों में विशेष शिविर आयोजित किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा निर्वाचन के दृष्टिगत टीकाकरण कार्य को और तेज किये जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि घोषित निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार चरणबद्ध रूप से जनपदों को चिन्हित करते हुए शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि मतदान तिथि के 10 दिवस पूर्व सम्बन्धित जनपद के प्रत्येक पात्र नागरिक को टीके की कम से कम एक डोज प्राप्त हो जाए। उन्होंने इस नवीन नीति के क्रम में विस्तृत कार्य योजना अविलम्ब तैयार कर प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से सभी कोरोना वॉरियर्स, हेल्थ केयर तथा फ्रंट लाइन वर्कर्स एवं 60 वर्ष से ऊपर की आयु के नागरिकों के लिए प्रिकॉशन डोज दी जा रही है। उन्होंने निर्देशित किया कि भारत सरकार के दिशा-निदेर्शों के अनुरूप प्रत्येक पात्र व्यक्ति को प्रिकॉशन डोज दी जाए। पुलिस बल के हर सदस्य को प्रिकॉशन डोज दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी तथा निजी अस्पतालों में ओपीडी के मरीजों के लिए आॅनलाइन अपॉइंटमेंट की व्यवस्था को प्रोत्साहित किया जाए। मरीजों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा का विकल्प दिया जाना चाहिए, ताकि विशेष परिस्थितियों में ही चिकित्सीय परामर्श के लिए लोग अस्पताल आयें। उन्होंने निर्देशित किया कि बस अड्डों, रेलवे स्टेशन तथा एयरपोर्ट पर टेस्टिंग के दौरान कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे लक्षणयुक्त लोगों को संस्थागत आईसोलेशन में रखा जाए। इनके लिए क्वारंटीन सेन्टर, भोजन और समुचित उपचार की प्रभावी व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि जनपदों के नोडल अधिकारियों को सम्बन्धित जनपद में 03 दिवसीय प्रवास के लिए भेजा जाए। जनपद भ्रमण के दौरान यह नोडल अधिकारीगण सम्बन्धित जिले में कोरोना टेज्ेसिंग, टेस्टिंग, वैक्सीनेशन अस्पतालों की व्यवस्थाओं के साथ-साथ रैनबसेरों के इन्तजाम का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि विगत दिवस प्रदेश के कुछ जिलों से ओलावृष्टि की सूचना प्राप्त हुई है। उन्होंने ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करते हुए प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
24 घंटे में कोरोना के 8,334 नए मामले
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घंटों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 8,334 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 335 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 33,946 है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 2 लाख 01 हजार 465 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 09 करोड़ 48 लाख 53 हजार 350 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।
राज्य में गत दिवस तक 21 करोड़ 38 लाख 75 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। 07 करोड़ 91 लाख 46 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। 13 करोड़ 47 लाख 29 हजार से अधिक लोगों ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है। यह संख्या टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी की 83.46 प्रतिशत है।