मुख्य सचिव से प्रांतीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) के 47 प्रशिक्षु अधिकारियों ने भेंट की

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लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र से प्रांतीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) 2021 बैच के 47 प्रशिक्षु अधिकारियों ने भेंट की। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने प्रशिक्षु अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें उत्तर प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। समानता के सिद्धांतों को कायम रखते हुए पक्षपात या भेदभाव के बिना कार्य करना होगा। आम नागरिकों को उनकी पृष्ठभूमि या संबद्धता की परवाह किए बिना समान अवसर देकर और उचित व्यवहार करके उनमें शासन के प्रति विश्वास जगाना होगा। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा के अधिकारियों की एक अहम जिम्मेदारी होती है कि सरकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक पात्र लोगों मिले, उनके जीवन में किस प्रकार से बदलाव लाया जाये, इस दिशा में गंभीरतापूर्वक कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि समय अब बदल रहा है, पब्लिक सर्वेंट के लिए आने वाले समय में बड़ी चुनौतियां आएंगी। आज के दौर में जन आकांक्षाएं तेजी से बढ़ रही है। सिविल सेवकों को अपने कार्यों, निर्णयों और सार्वजनिक संसाधनों के उपयोग की जवाबदेही खुद तय करनी होगी। उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों को समाज के हाशिये पर पड़े, वंचित और कमजोर वर्गों के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी आवाज सुनी जाए और उनके अधिकारों की रक्षा की जाए। उन्होंने सिविल सेवा के अधिकारियों को अमृतकाल और 15 अगस्त, 2047 तक भारत को विकसित बनाने में पंचप्रण के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि देश विकसित तभी होगा, जब प्रदेश विकसित होगा। इसी प्रकार प्रदेश तभी विकसित होगा, जब प्रत्येक जनपद और जनपद के गांव और शहर विकसित होंगे। गांव में क्या परिवर्तन लाया जा सकता है, इस पर कार्य करने की जरुरत है।


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