- खुशहाल परिवार दिवस पर 21 नवंबर से शुरू हुआ था विशेष अभियान
- जिले में दो पुरुषों ने दिखाई समझदारी
हापुड़। शासन स्तर से पुरुष नसबंदी पखवाड़ा एक सप्ताह आगे बढ़ा दिया गया है। खुशहाल परिवार दिवस के मौके पर 21 नवंबर को शुरू हुआ पुरुष नसबंदी पखवाड़ा अब 11 दिसंबर तक चलेगा। इस संबंध में मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय की ओर से सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिए गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया – पुरुष नसबंदी पखवाड़ा दो चरणों में चलाने के निर्देश दिए गए थे। पहले चरण में 21 से 27 नवंबर तक मोबेलाइजेशन और दूसरे चरण में 28 नवंबर सेचार दिसंबर तक सेवा प्रदायगी सप्ताह। सेवा प्रदायगी सप्ताह का विस्तार करते हुए एक सप्ताह और बढ़ा दिया गया है। सभी चिकित्सा इकाइयों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि सेवा प्रदायगी चरण 11 दिसंबर तक जारी रहेगा।
सीएमओ डा. त्यागी ने बताया कि विस्तारित चरण में सभी चिकित्सा इकाइयों पर परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों (एमओआईसी) को निर्देशित किया गया है कि इस दौरान परिवार पूरा कर चुके अधिक से अधिक दंपत्ति को परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाने के लिए प्रेरित करें। परिवार नियोजन के स्थाई साधन के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए आशा और एएनएम को निर्देशित करें। इसके साथ ही अस्थाई साधनों की जानकारी देने के साथ ही उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। इस बार पुरुष नसबंदी पखवाड़ा की थीम ह्ल अब पुरुष निभाएंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखाएंगे अपनी भागीदारीह्व के मुताबिक पुरुष नसबंदी पर फोकस करते हुए उसके संबंध में प्रचलित मिथकों के बारे में विस्तार से बताएंगे ताकि आमजन को सही जानकारी मिल सके और पुरुष भी अपनी जिम्मेदारी निभा सकें।
जिला परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. प्रवीण शर्मा ने बताया कि जनपद में पखवाड़े के दौरान शनिवार तक दो पुरुषों ने समझदारी दिखाई। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हापुड़ पर स्वेच्छा से नसबंदी करवाते हुए परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाया। हालांकि पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में महिलाओं ने भी बढ़चढ़ कर भाग लिया और परिवार नियोजन का स्थाई साधन नसबंदी को अपनाया। सबसे ज्यादा 31 महिलाओं ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हापुड़ पर स्वेच्छा से नसबंदी कराई। गढ़ मुक्तेश्वर और सिंभावली सीएचसी पर क्रमश: 17 और 14 महिलाओं ने नसबंदी का विकल्प चुना।
अस्थाई साधनों में आईयूसीडी बनी पहली पसंद
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ बृजभान यादव ने बताया कि पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन के स्थाई साधनों के साथ – साथ अस्थाई साधन भी उपलब्ध कराए गए। अस्थाई साधनों में आईयूसीडी महिलाओं की पहली पसंद रही। कुल 428 महिलाओं ने बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर के ल?िए दीर्घकालिक साधन के रूप में आईयूसीडी अपनाई। 144 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी और 180 महिलाओं ने ह्लअंतराह्व तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन अपनाया। इसके अलावा गर्भनिरोधक गोलियों में 2028 माला-एन, 2001 छाया और 632 ईसीपी वितरित की गईं।