- अवंतिका में महाराणा प्रताप की प्रतिमा के अनावरण पर उत्थान समिति ने किया कवि सम्मेलन आयोजित
- चलो मोहब्बत को कहानी मोड़ देते हैं, अब तुम्हें पाने की जिद को छोड़ देते हैं
गाजियाबाद। राज्यसभा सदस्य विजयपाल तोमर ने कहा कि महाराणा प्रताप जीवन में कभी नहीं हारे। वे पराक्रमी और असीम हिम्मत वाले राजपूत राजा थे। तत्कालीन शासकों ने जानबूझकर इतिहासकारों से राणा प्रताप को मुगलों द्वारा हार जाने की बात लिखने को कहा था। इतिहास में गलत तथ्यों को पेश करना राजपूत राजाओं के खिलाफ बड़ी साजिश का हिस्सा है।
उन्होंने ने कहा कि आज नही महाराणा प्रताप के शौर्य की वीर गाथाएं युवाओं- बच्चों को पराक्रम और देश भक्ति की प्रेरणा देती हैं।
सांसद विजय पाल तोमर अवंतिका स्थित महाराणा प्रताप चौक पर राणा प्रताप की प्रतिमा के अनावरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उत्थान समिति के तत्वाधान में प्रतिमा अनावरण के अवसर पर कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। सांसद महोदय ने उत्थान समिति के चेयरमैन सत्येंद्र सिंह विशेन व उनके सभी सहयोगियों को धन्यवाद देते हुए पराक्रमी राजपूत राजा की प्रतिमा स्थापित करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम इतिहास में लिखे गलत तथ्यों को हटाकर सही तथ्य दर्ज कराएं।
उन्होंने इतिहासकारों द्वारा एक आततायी आक्रांता शासक को अकबर द ग्रेट लिखे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इतिहास में अकबर को नहीं, महाराणा प्रताप को ‘महाराणा प्रताप द ग्रेट’ लिखा जाना चाहिए।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित करके व महाराणा प्रताप की प्रतिमा अनावरण करके किया गया। इसके बाद उत्थान समिति के चेयरमैन सत्येंद्र सिंह व उनके पिताश्री शीतला प्रसाद सिंह द्वारा लिखित पुस्तक ‘क्षत्रिय वंश धरोहर’ का विमोचन किया गया।
तत्पश्चात कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें वीर रस के युवा कवि मोहित शौर्य, डॉक्टर सतीश वर्धने और सुविख्यात शायर व वरिष्ठ पत्रकार राज कौशिक ने अपनी शानदार कविताओं-गजलों से समा बांधा।
युवा कवि मोहित शौर्य ने महाराणा प्रताप के हल्दीघाटी युद्ध से संबंधित वीर रस की कविता ‘होगी भोर चारों ओर, प्रलय का मचेगा शोर’ सुनाकर खूब तालियां बटोरीं। डॉ सतीश वर्धने ने हास्य व्यंग्य रस की कविताओं सुनाकर श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। उन्हें इस कविता पर भरपूर दाद मिली-‘ आस्तीन के सांपों को अब और न पोषित करो, समय आ गया मोदी जी, भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करो।
सुविख्यात शायर व वरिष्ठ पत्रकार राज कौशिक ने अपने शेरों-गजलों से महफिल लूट ली। उनका यह शेर पर बहुत पसंद किया गया कि चलो मोहब्बत को कहानी मोड़ देते हैं, अब तुम्हें पाने की जिद को छोड़ देते हैं। उनके इन शेरों पर देर तक तालियां बजती रहीं। जमाने अदाएं देखकर, ये सोचता हूं मैं, वहां सच क्यों नहीं जाते, जहां तक झूठ जाते हैं, इतने आदि हुए हम झूठ के अपने ही बारे में, जरा सा सच कोई कह दे, उसी से रूठ जाते हैं।
समारोह की अध्यक्षता क्षत्रिय सभा के अध्यक्ष रामदेव रावल और संचालन शिक्षिका योगेश वशिष्ठ ने की। कार्यक्रम में मुख्य रुप से पूर्व विधायक कृष्णवीर सिरोही, एआरडब्ल्यूए के अध्यक्ष हृदेश कंसल, भानु सिसोदिया, राजकुमार सिसौदिया, ठाकुर शिव कुमार राघव, पारस कौशिक, रिंकू त्यागी, पंकज शर्मा, अवधेश कटियार सहित सैंकड़ों गणमान्य व्यक्ति थे।