गाजियाबाद। प्रमुख सचिव द्वारा 4 जनवरी के शासनादेश में अधिवक्ताओं के विरुद्ध आपत्तिजनक शब्द संगठित गिरोह बताते हुए गाजियाबाद एवं नोएडा में मुख्तारनामों के पंजीकरण को अवैध रूप से विधि विरुद्ध बताते हुए पंजीकरण पर रोक लगाने के आदेश पारित करने के विरोध में तहसील बार एसोसिएशन गाजियाबाद के पदाधिकारी दूसरे दिन भी कार्य से वितर रहे। तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि शासन द्वारा गाजियाबाद में विलेखों के पंजीकरण के काउंटर्स, स्लाट्स की संख्या छह के स्थान पर मात्र तीन कर दी है जिससे आम जनमानस को भारी असुविधा है। इस विषय में तहसील बार एसोसिएशन द्वारा दिए गए पत्र पर कोई संज्ञान न लिए जाने से अधिवक्ताओं में भारी रोष है। उन्होंने बताया कि सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस संबंध में उक्त आदेश के विरुद्ध दूसरे दिन भी तहसील बार एसोसिएशन गाजियाबाद के समस्त अधिवक्ताओं एवं दस्तावेज लेखक समस्त न्यायिक एवं पंजीकरण कार्य से विरत हैं।