- डीटीओ ने सिखेड़ा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर विजिट किया
- सीएचओ को अभियान के संबंध में दिए दिशा- निर्देश
हापुड़। 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य के साथ जांच और उपचार का दायरा बढ़ाने के लिए टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्लूसी) को भी शामिल किया गया है। इन सेंटर पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) के नेतृत्व विशेष क्षय रोगी खोज अभियान शुरू हो गया। पांच सप्ताह का यह अभियान 30 सितंबर तक चलेगा। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश कुमार सिंह ने अभियान के पहले दिन सिखेड़ा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का दौरा किया और अभियान के संबंध में सीएचओ हैरीशन को जरूरी दिशा निर्देश दिए। डीटीओ के साथ सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर हसमत अली भी सिखेड़ा पहुंचे थे।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अभियान के तहत आशा घर-घर जाकर संदिग्ध क्षय रो?गियों को चिन्हित करेंगी और एएनएम चिन्हित संदिग्ध रोगियों का स्पुटम (बलगम) लेकर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पहुंचाएंगी। इसके बाद जांच और उपचार शुरू कराने की जिम्मेदारी सीएचओ की होगी। इसके अलावा सीएचओ संबंधित क्षेत्र में टीबी के प्रति जागरूकता अभियान भी चलाएंगे। डीटीओ ने बताया- अभियान के लिए माइक्रो प्लान तैयार कर सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को उपलब्ध करा दिया गया है। माइक्रोप्लान में हर सीएचओ को यह भी बताया गया है कि उनके क्षेत्र में टीबी की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र कौन -कौन से हैं, जहां जागरूकता अभियान की ज्यादा जरूरत है। डीटीओ ने बताया एचडब्लूसी पर टीबी मरीजों की पहचान से लेकर जांच व इलाज तक की व्यवस्था की गई है। जनपद में अभियान के दौरान प्रति सप्ताह 654 संदिग्ध रोगियों के स्पुटम की जांच करने का लक्ष्य दिया गया है, जबकि पूरे अभियान के दौरान 1961 संदिग्ध रोगियों की जांच का लक्ष्य दिया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की उत्तर प्रदेश की निदेशक अपर्णा उपाध्याय की ओर से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जारी पत्र के मुताबिक आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में भ्रमण कर ऐसे समस्त संभावित मरीजों की पहचान करेंगी और एएनएम के माध्यम से मरीज का सैंपल लेकर नजदीकी जांच केन्द्र पर जांच कराई जाएगी। इसके अलावा जो व्यक्ति खुद अपनी जांच कराना चाहता है उसे जांच केन्द्र पर रेफर किया जाएगा। डीटीओ ने बताया सीएचओ अपने क्षेत्र की गतिविधियों के संपादन के लिए जिम्मेदार होंगे। वह तीन उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों, जहां विगत दो वर्षों में अधिक क्षय रोगी अथवा कोविड मरीज मिले हों और जो क्षेत्र आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से दूरस्थ क्षेत्र हों, वहां हफ्ते में एक बार कैंप भी लगवाएंगे। इसलिए जिसको भी दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आ रही हो, बुखार बना हो, वजन गिर रहा हो, रात को सोते समय पसीना आता हो, भूख न लगती हो वह लोग सेंटर पर पहुंचकर टीबी की जांच जरूर कराएं। डीटीओ ने बताया उपचार पर रखे गए टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रुपए प्रतिमाह निक्षय पोषण योजना के तहत दिये जाते हैं यह राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है।
डीटीओ ने उपैड़ा गांव का निरीक्षण किया
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश कुमार सिंह ने सिखेड़ा एचडब्लूसी का दौरा करने के साथ ही मंगलवार को हापुड़ ब्लॉक में उपैड़ा गांव का भी निरीक्षण किया। उन्होंने गांव में संचारी रोग नियंत्रण अभियान की धरातल पर हकीकत जानने के लिए साफ-सफाई का जायजा लिया। इस मौके पर डीटीओ ने ग्रामीणों को मच्छरों से बचाव के लिए साफ-सफाई और घर के आसपास जलभराव न होने के लिए प्रेरित किया। साथ ही कूलर, फ्रिज की ट्रे आदि को समय-समय पर साफ करने की भी सलाह दी। बता दें कि जिलाधिकारी मेघा रूपम की ओर से जिला स्तरीय अधिकारियों को एक-एक गांव का भ्रमण कर संचारी रोग नियंत्रण अभियान की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं।