लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में संवेदनशील और पारदर्शी प्रशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है। लोक शिकायतों का समयबद्ध व गुणवत्तापरक निस्तारण प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में सम्मिलित है। उन्होंने प्राप्त होने वाली शिकायतों के समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण व प्रभावी निस्तारण के निर्देश देते हुए कहा कि शिकायतों का मेरिट के आधार पर निस्तारण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री यहां लोक भवन में जनसुनवाई-समाधान में लम्बित संदर्भों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई तथा सीएम हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों के गुणवत्तापरक निस्तारण का प्रभावी तंत्र विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि लम्बित संदर्भों की विभागीय स्तर पर नियमित समीक्षा की जाए। जनपद, तहसील एवं विकासखंड स्तर पर लम्बित संदर्भों की भी समीक्षा की जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि शिकायत को ऊपर से नीचे भेज देने मात्र से उसका निस्तारण नहीं होता। शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही शिकायत निस्तारण का मानक होना चाहिए। शिकायत जायज होने पर शिकायतकर्ता की संतुष्टि आवश्यक है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव राजस्व सुधीर गर्ग, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार, प्रमुख सचिव परिवहन एल. वेंकटेश्वरलू, प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग, प्रमुख सचिव न्याय प्रमोद कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।