- 171 महिलाओं ने नसबंदी कराई और बड़ी संख्या में आईयूसीडी-अंतरा अपनाकर निभाई जिम्मेदारी
- नियत सेवा दिवस पर अब भी ले सकते हैं परिवार नियोजन संबंधी सभी सेवाएं
हापुड़। जनपद में 11 से 31 जुलाई तक आयोजित जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान परिवार पूरा कर चुके दम्पति में 24 पुरुषों और 171 महिलाओं ने स्वेच्छा से नसबंदी कराई। इस दौरान जिले में 2360 महिलाओं ने दो बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर रखने के लिए परिवार नियोजन के दीर्घकालिक अस्थाई साधन के रूप में इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी), पोस्ट पार्टम इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी) और पोस्ट अबॉर्शन इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (पीएआईयूसीडी) अपनाई है। इतना ही नहीं 1035 महिलाओं ने त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन ह्लअंतराह्व पर विश्वास जताया है और परिवार नियोजन कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का काम किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी का कहना है कि पुरुषों को भी बराबर की जिम्मेदारी निभानी चाहिए। पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी के मुकाबले सरल और छोटी शल्य क्रिया है। नसबंदी कराने के आधे घंटे बाद ही पुरुष को घर भेज दिया जाता है, लेकिन समाज में व्याप्त कुछ भ्रांतियों के चलते पुरुष इस मामले में आगे नहीं आ रहे हैं। पुरुष नसबंदी को लेकर सबसे बड़ी भ्रांति तो यही है कि इससे शारीरिक कमजोरी आती है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। बीसीपीएम सिंभावली रविंद्र मावी बताते हैं कि उन्होंने 2016 में अपनी नसबंदी कराई थी, तभी से वह वजन उठाने से लेकर हर तरह का काम कर रहे हैं। उनके वैवाहिक जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आई है। पत्नी ने भी कभी किसी तरह की शिकायत नहीं की। श्री मावी की प्रेरणा से अब तक 70 से अधिक पुरुष परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपना चुके हैं। परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी (एसीएमओ) डा. प्रवीण शर्मा का कहना है कि परिवार पूरा कर चुके पुरुषों को न केवल नसबंदी के लिए आगे आना चाहिए बल्कि दो बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर के लिए पत्नी को दीर्घकालिक अस्थाई साधन अपनाने के लिए प्रोत्साहित और सहयोग करना चाहिए। परिवार नियोजन कार्यक्रम परिवार के सुखद और स्वस्थ भविष्य के लिए है और यह पति – पत्नी, दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है, इस जिम्मेदारी को मिलकर उठाएं। जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा संपन्न हो गया लेकिन परिवार नियोजन कार्यक्रम अनवरत रूप से जारी है। ब्लॉक वार नियत सेवा दिवस पर परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधन उपलब्ध कराए जाते हैं। सीएचसी – हापुड़ पर सभी कार्य दिवसों पर महिला नसबंदी सेवा उपलब्ध कराई जाती है।
महिला नसबंदी में गढ़ और पुरुष नसबंदी में सीएसची सिखेड़ा टॉप पर
जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सतीश कुमार ने बताया – जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान सबसे अधिक 53 महिला नसबंदी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) -गढ़मुक्तेश्वर पर और सबसे ज्यादा आठ पुरुष नसबंदी सीएचसी सिखेड़ा (ब्लॉक सिंभावली) पर हुईं। सीएचसी सिखेड़ा पर 36, सीएचसी हापुड़ पर 32, सीएचसी धौलाना पर 28, संयुक्त जिला चिकित्सालय पर एक और निजी चिकित्सालयों में अभियान के दौरान 21 महिला नसबंदी की गईं। सीएचसी – हापुड़ पर छह, सीएचसी धौलाना पर सात, सीएचसी गढ़मुक्तेश्वर पर एक और संयुक्त जिला चिकित्सालय पर दो पुरुष नसबंदी हुईं। दीर्घकालिक अस्थाई साधनों के मामले में बाजी सीएचसी – हापुड़ के नाम रही। सीएचसी – हापुड़ पर सबसे अधिक 555 आईयूसीडी, 63 पीपीआईयूसीडी और 266 गर्भनिरोधक इंजेक्शन ह्लअंतराह्व लगाए गए।