लखनऊ। कल मेरठ में पीएम मोदी ने मेजर ध्यानचंद खेल विवि का शिलान्यास किया। इस दौरान आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने इस क्षेत्र में किसानों की नब्ज पर भी हाथ रखा और भाजपा को ही सबसे हितेषी बताया। पीएम मोदी की रैली में उमड़ी भीड़ में किसानों की संख्या में बहुत अधिक थी। जाट लैंड में जाटों की संख्या देख भाजपाई भी गदगद दिखाई दिए। किसान आंदोलन के चलते जो नाराजगी पार्टी की तरफ दिखाई दे रही थी वह नाराजगी भी काफूर दिखाई दे रही थी।
700 करोड़ रुपये की लागत के इस विश्वविद्यालय का निर्माण 91.38 एकड़ क्षेत्रफल में किया जाएगा। इस अवसर पर मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय पर केन्द्रित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का स्वागत स्मृति चिन्ह भेंटकर किया।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम मंच पर पहुंचने से पूर्व राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर देश व प्रदेश का मान बढ़ाने वाले राज्य के खिलाड़ियों से संवाद किया। उन्होंने मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय के मॉडल तथा जनपद मेरठ में उत्पादित खेल के सामानों पर केन्द्रित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्होंने एक स्टाल पर एक्सरसाइज मशीन का इस्तेमाल करके भी देखा।
प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में वर्ष 2022 के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि साल की शुरूआत में मेरठ आना उनके लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। भारत के इतिहास में मेरठ एक शहर मात्र नहीं, हमारी संस्कृति और सामर्थ्य का महत्वपूर्ण केन्द्र भी है। रामायण, महाभारत से लेकर जैन तीर्थंकरों और पंचप्यारों तक मेरठ ने देश की आस्था को ऊर्जावान किया। सिन्धु घाटी की सभ्यता से देश के पहले स्वाधीनता संग्राम तक इस क्षेत्र ने दुनिया को भारत का सामर्थ्य दिखाया। वर्ष 1857 में बाबा औघड़ मन्दिर से उठी ललकार, दिल्ली कूच के आह्वान ने देश को नई रौशनी दिखाई। इसी प्रेरणा से हम आजाद हुए और आज गर्व से अमृत महोत्सव मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में आने से पहले वे बाबा औघड़नाथ मन्दिर तथा अमर जवान ज्योति गये। स्वाधीनता संग्राम संग्रहालय में उस अनुभूति को महसूस किया, जो देश आजादी के लिए कुछ कर गुजरने वालों को प्रेरणा देती थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरठ के इस क्षेत्र ने स्वतंत्र भारत को एक नई दिशा देने का कार्य किया। राष्ट्र रक्षा के लिए बलिदान हो या खेल के मैदान में राष्ट्र के लिए सम्मान, इस क्षेत्र ने सदा सर्वदा राष्ट्रभक्ति की अलख को प्रज्जवलित रखा है। नूरपुर मड़ैया ने चौधरी चरण सिंह जी के रूप में देश को एक विजनरी नेतृत्व दिया। मेरठ मेजर ध्यानचन्द की भी कर्मस्थली रहा है। कुछ महीने पहले केन्द्र सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम दद्दा के नाम पर कर दिया। मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेजर ध्यानचन्द को समर्पित की जा रही है। खेल विश्वविद्यालय से मेजर ध्यानचन्द का नाम जुड़ जाने से उनका पराक्रम तो प्रेरणा देता ही है, उनके नाम में ध्यान शब्द भी एक संदेश देता है, बिना ध्यान केन्द्रित किये भी सफलता नहीं मिलती। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस यूनिवर्सिटी में पूरे ध्यान से कार्य करने वाले नौजवान देश का नाम रोशन करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज की इस सोच को बदलने का दायित्व सरकारों का था। खेलों के प्रति बढ़ती बेरुखी के परिणामस्वरूप हॉकी के जिस खेल में गुलामी के कालखण्ड में भी मेजर ध्यानचन्द जैसी प्रतिभाओं ने देश को गौरव दिलाया, उसमें भी मेडल के लिए हमें दशकों का इन्तजार करना पड़ा। हॉकी प्राकृतिक मैदानों से एस्ट्रोटर्फ तक पहुंच गयी, लेकिन हम वहीं के वहीं रहे। हॉकी एक उदाहरण है, यह हर खेल की कहानी थी। बदलती टेक्नोलॉजी, डिमांड, स्किल्स के लिए पहले की सरकारें बेहतरीन ईको सिस्टम तैयार ही नहीं कर पायीं। वर्ष 2014 के बाद हमारी सरकार ने हर स्तर पर रिफॉर्म किये। खिलाड़ियों के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए हमारी सरकार ने खिलाड़ियों को चार शस्त्र दिये हैं। खिलाड़ियों को चाहिए – संसाधन, टेज्निंग की आधुनिक सुविधाएं, अन्तर्राष्ट्रीय एक्सपोजर, चयन में पारदर्शिता। हमारी सरकार ने बीते वर्षों में भारत के खिलाड़ियों को यह चार शस्त्र जरूर मिलें, इसे सर्वाेच्च प्राथमिकता दी है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हमने खेल को युवाओं की फिटनेस, रोजगार, स्वरोजगार, उनके कैरियर से जोड़ा है। टारगेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम यानी टॉप, ऐसा ही एक प्रयास रहा है। आज सरकार देश के शीर्ष खिलाड़ियों को उनके खाने, पीने, फिटनेस से लेकर टेÑनिंग तक लाखों-करोड़ों रुपये की मदद दे रही है। खेलो इंडिया अभियान के माध्यम से आज बहुत कम उम्र में ही देश के कोने-कोने में टैलेंट की पहचान की जा रही है। ऐसे खिलाड़ियों को इंटरनेशनल लेवल का एथलीट बनाने के लिए उनकी हर सम्भव मदद की जा रही है। इन्हीं प्रयासों से जब भारत का खिलाड़ी अन्तर्राष्ट्रीय मैदानों पर उतरता है तो उसका प्रदर्शन दुनिया भी सराहती है। विगत वर्ष ओलम्पिक व पैरालम्पिक में जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ, देश के बेटे-बेटियों ने करके दिखाया। मेडल की ऐसी झड़ी लगा दी कि पूरा देश कह उठा कि खेल के मैदान में भारत का उदय हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के युवाओं में अपार प्रतिभा है, इसलिए उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार कई विश्वविद्यालयों की स्थापना कर रही है। सरकारों की भूमिका अविभावक की तरह होती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार रिकॉर्ड संख्या में युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विगत सात वर्षों में देश के हर क्षेत्र में विकास हुआ है। प्रत्येक क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है। प्रधानमंत्री ने खेलो इंडिया खेलों के माध्यम से खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने की जो अभूतपूर्व प्रेरणा दी, इसका परिणाम टोक्यो ओलम्पिक व पैरालम्पिक में प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना की गयी है, जिसमें खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पधार्ओं के लिए योग्य प्रशिक्षण और कोचिंग के साथ ही फेलोशिप देने की व्यवस्था भी है। राज्य सरकार खेलों को आगे बढ़ाने के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री ने मेरठ आगमन पर बाबा औघड़नाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया। उन्होंने शहीद स्मारक पर जाकर अमर जवान ज्योति पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। शहीद स्तम्भ व शहीद मंगल पाण्डे की प्रतिमा पर भी पुष्प अर्पित किये व राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय की वीथिकाओ का अवलोकन कर उसे सराहा।
इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह, केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान, प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी, कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल, जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।