- मुख्यमंत्री से प्रान्तीय सिविल सेवा के वर्ष 2020 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने की शिष्टाचार भेंट
- कानून-व्यवस्था और विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में इन अधिकारियों की महत्वपूर्ण उपयोगिता
- अधिकारी जनता से संवाद बनाकर मेरिट के आधार पर उनकी समस्याओं का प्रभावी समाधान करें
- हमारा जाति, मत, मजहब से कोई वास्ता नहीं होना चाहिए, हमारा वास्ता सिर्फ न्याय के प्रति होना चाहिए
- पेशेवर माफिया, अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस के साथ कार्य करें, गरीब के प्रति सहानुभूति रखें
- संवाद लोकतंत्र की ताकत, तकनीक ह्यूमन इंटेलीजेंस से बड़ी नहीं हो सकती
- अधिकारियों का व्यावहारिक पक्ष, जनता और जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद का पक्ष बहुत मायने रखता
- अपने अधीनस्थ स्तर पर शिकायत के समाधान के लिए एक समय-सीमा निर्धारित करें
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर प्रान्तीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) के वर्ष 2020 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पीसीएस अधिकारी राज्य प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ होते हैं। कानून-व्यवस्था और विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में इन अधिकारियों की महत्वपूर्ण उपयोगिता है। अधिकारियों को व्यवस्था के प्रति जवाबदेह होने के साथ ही, गरीब, कमजोर तथा वंचित वर्ग के हितों के प्रति सचेत व संवेदनशील होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अधिकारी जनता से संवाद बनाकर मेरिट के आधार पर उनकी समस्याओं का प्रभावी समाधान करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी पूरी निष्ठा के साथ शासन की मंशा के अनुरूप जनता के बीच अपनी अच्छी छवि बनाकर आगे बढ़ें। सभी अधिकारी उस महत्वपूर्ण कड़ी का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जहां आम जनमानस की समस्याओं को बहुत नजदीक से सुनने का अवसर मिलेगा। लोकतंत्र में जनता जनार्दन है। उसके प्रति श्रद्धा का भाव होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से प्राप्त शिकायतों में 90 प्रतिशत शिकायतें थाना और तहसील से सम्बन्धित होती हैं। तहसील दिवस और थाना दिवस पर टीम बनाकर समय-सीमा तय करते हुए मेरिट के आधार पर कार्यवाही को आगे बढ़ाएं। जो न्याय संगत हो, उसी पर कार्य किया जाए। किसी गरीब के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाए। थाना और तहसील दिवस से जुड़ी शिकायतों के समाधान से जनता से जुड़ी 90 प्रतिशत समस्याओं का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आईजीआरएस पोर्टल, सीएम हेल्पलाइन, तहसील दिवस तथा थाना दिवस की व्यवस्था को प्रभावी बनाया गया है। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने में सफलता मिली है। पेशेवर माफिया, अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस के साथ कार्य करें तथा गरीब के प्रति सहानुभूति भी रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संवाद लोकतंत्र की ताकत है। हमें इस ताकत का इस्तेमाल करना होगा। तकनीक ह्यूमन इंटेलीजेंस से बड़ी नहीं हो सकती है। आपका व्यावहारिक पक्ष, जनता और जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद का पक्ष बहुत मायने रखता है। यदि आप संवेदनशील हैं, तो कॉमन मैन की सुनवाई करेंगे। आपका व्यावहारिक पक्ष अच्छा है, तो जनता की समस्याएं भी नहीं अटकेंगी और जनप्रतिनिधियों के साथ भी आपका बेहतर संवाद होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा जाति, मत, मजहब से कोई वास्ता नहीं होना चाहिए। हमारा वास्ता सिर्फ न्याय के प्रति होना चाहिए। शासन के निर्देशों का अक्षरश: पालन करते हुए हर कॉमनमैन को न्याय दिलाने का होना चाहिए। आगामी 5 वर्षों के दौरान आप अपने कैरियर की नींव को काफी मजबूत कर लेंगे। बाद में कई लोगों को सचिव स्तर तक आने का अवसर प्राप्त होगा। बहुत सारे लोगों को जीवन की अलग-अलग फील्ड में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा, लेकिन उसकी नींव तैयार करने, आधारशिला रखने और सीखने का अवसर यहीं मिलेगा। कॉमन मैन से शासन की योजनाओं और उसकी समस्याओं के सम्बन्ध में भी इसके माध्यम से जानकारी प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप में से कई लोगों ने एमटेक, बीटेक, पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। कुछ लोग मेडिकल व लॉ क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। कुछ लोग मानविकी क्षेत्र के भी हैं। आप लोग अलग-अलग पृष्ठभूमि से आए हैं और सबकी अपनी-अपनी उपयोगिता है। प्रशासनिक कार्यों में नवाचार को शामिल करें। तैनाती स्थल पर युवाओं को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें तथा पर्यटन, रोजगार की वृद्धि के कार्यों को आगे बढ़ाएं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सभी अधिकारी उत्तर प्रदेश की जनता की भावनाओं के अनुरूप एक बेहतर और संवेदनशील प्रशासन देने में सफल होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति शासन स्तर पर अपनी शिकायत भेजता है और शासन द्वारा उस व्यक्ति को आपके पास भेजा जाता है, तो आपका यह दायित्व बनता है कि आप उससे बात कर उसकी समस्या सुनें। ऐसा करने से शिकायतकर्ता की आधी समस्या स्वत: समाप्त हो जाती है। यदि उस समस्या का समाधान आपके स्तर से सम्भव हो, तो उसका समाधान अवश्य करें। इससे शिकायतकर्ता को संतुष्टि मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे अपने अधीनस्थ के स्तर पर किसी भी शिकायत के समाधान के लिए एक समय-सीमा निर्धारित करें। यह भी सुनिश्चित करें कि समस्या के समाधान के उपरान्त आपका अधीनस्थ शिकायतकर्ता एवं आपको अवगत कराए। इस सम्बन्ध में अपने कार्यालय में एक रजिस्टर और प्रकोष्ठ बनाकर इसकी नियमित समीक्षा करें। इससे आमजन की संतुष्टि का स्तर बढ़ जाएगा। राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव कार्मिक देवेश चतुर्वेदी, उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबन्धन अकादमी के महानिदेशक एल. वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।