नई दिल्ली। तकनीकी शिक्षा ज्ञान और अनुभव से परिपूर्ण प्रशिक्षित प्रतिभा का सृजन करने का माध्यम है। देश की युवा जनशक्ति यदि कार्य कुशल एवं स्वावलंबी हो तो राष्ट्र भी समर्थ, सशक्त एवं सक्षम होगा। इसलिए अनिवार्य है कि हमारी शिक्षा का तकनीकी के साथ सामंजस्य हो। किन्तु साथ ही देश के संपूर्ण विकास हेतु हर क्षेत्र हर वर्ग को इस दिशा में साथ लेकर चलना होगा।
इसी प्रयास में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का सामाजिक प्रकल्प स्याही अनेक वर्षों से प्रौढ़ शिक्षा हेतु प्रयासरत है जिसमें 21 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को मूल विषय जैसे हिंदी भाषा का अध्ययन, गणित, वित्तीय और स्वास्थ्य साक्षरता कौशल हासिल करने में सहायता की जा रही है। आज के डिजिटल युग में तकनीकी ज्ञान के महत्व को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि समाज की प्रत्येक इकाई तकनीकी ज्ञान से जुड़े। इसी सन्दर्भ में मंथन संपूर्ण विकास केंद्र द्वारा अपने प्रकल्प स्याही प्रौढ़ शिक्षा केंद्र के अंतर्गत ने 40 वर्ष व उससे अधिक आयु की महिलाओं और पुरुषों के लिए 15 से 26 नवंबर 2021 तक 10 दिवसीय तकनीकी ज्ञान शिविर का आयोजन किया। इसमें इस कार्यशाला के दूसरे संस्करण में पूरे भारत में लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को कई महत्वपूर्ण तकनीकी पहलुओं जैसे मोबाइल फोन, हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर से सम्बंधित प्लिकेशन्स आदि के प्रयोग एवं कार्यप्रणाली के विषय में विस्तार से समझाया गया तथा गूगल मीटए यू ट्यूबए कैलकुलेटरए व्हाट्सएपए फेसबुकए इंस्टाग्रामए जी मेलए गूगल असिस्टेंस आदि महत्वपूर्ण ऐप्स के उपयोग और उनके संचालन की पूर्ण जानकारी दी गयी। मंथन, संपूर्ण विकास केंद्र के अंतर्गत स्याही प्रौढ़ शिक्षा केंद्र सदैव व्यस्क लोगों को तकनीकी कौशल सिखाने तथा उनमे आत्मविश्वास उत्पन्न करने के लिए कार्यरत रहा है जिससे शिक्षा अर्जित करने के अंतर की असमानता को कम किया जा सके। राष्ट्र के निर्माण में सभी लोगों की अतुलनीय भूमिका को समझते हुए संस्थान ऐसे कार्यक्रमों का संचालन समय-समय पर करती रहती है ताकि सभी बदलते युग के साथ स्वयं को नवीनतम ज्ञान से लाभान्वित कर सके। अंत में सभी ने मंथन स्याही प्रौढ़ शिक्षा केंद्र द्वारा तकनीकी कार्यशाला आयोजित करने के लिए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक आशुतोष का आभार व्यक्त किया।