- मानच संसाधन के प्रबंधन-विकास में अपेक्षाएं, चुनौतियां-परिवर्तन में टैक्नोलॉजी की भूमिका विषय पर संगोष्ठी आयोजित
- आईटीएस में आयोजित की गई आॅनलाइन राष्ट्रीय सम्मिट
गाजियाबाद। मोहननगर स्थित आईटीएस में मानव संसाधन के प्रबंधन एवं विकास में अपेक्षाएं, चुनौतियां एवं परिवर्तन में टैक्नोलॉजी की बढ़ती भूमिका विषय पर आनलाइन राष्ट्रीय सम्मिट का आयोजन किया गया। इस सम्मिट में शिक्षा, व्यवसाय जगत तथा अनेक संस्थानों के साथ-साथ आईटी इंडस्ट्री के स्थापित विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए।
सम्मिट के आरम्भ में आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के वाईस चेयरमैन अर्पित चड्ढा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए वर्तमान में मानव संसाधन के क्षेत्र में टैक्नोलॉजी की बढ़ती भूमिका एवं उसके अनुप्रयोगों पर चर्चा करते हुए कहा कि जिस प्रकार वैश्विक स्तर पर परिवर्तन हो रहे हैं उनसे कोई भी संस्था इसके प्रभाव से अछूता नहीं रह सकता है और हम सभी को इसके बारे में जानकारी होना समय की मांग है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया की इस सम्मिट से सभी लाभान्वित होंगे।
आईटी एवं स्नातक परिसर के निदेशक प्रो. सुनील पांडेय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि किसी भी संस्था की रीढ़ उसका मानव संसाधन विभाग होता है जिसकी भूमिका संस्था के विकास के साथ-साथ उसकी उत्पादकता पर बहुत कुछ निर्भर करती है। जिस प्रकार टैक्नोलॉजी ने वयवसाय जगत के प्रत्येक स्तर पर आर्थिक गतिविधियां चल रही हैं उसके कारण सभी देशों की एक दूसरे पर निर्भरता के साथ साथ उनके सफलता एवं विकास भी एक दूसरे के साथ जुड़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में हम सभी इनके बारे में जानकारी रखें, बहुत आवश्यक है।
सम्मिट के मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में ख्यातिप्राप्त शिक्षाविद, बिजनेस एवं स्टार्टअप मेंटर तथा आईआईटी रूड़की के प्रबंधन विभाग के पूर्व विभाग्याध्यक्ष और डीन प्रोफेसर विनय नांगिया ने मानव संसाधन के विकास एवं इसके प्रबंधन से जुड़े बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए विश्व में वर्तमान तीव्र गति से हो रहे परिवर्तनों के परिप्रेक्ष्य में टैक्नोलॉजी के समावेश एवं उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
इसके पूर्व आईटीएस मोहननगर गाजियाबाद की स्नातक परिसर की उपप्राचार्या प्रोफेसर नैंसी शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस सम्मिट की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने वयवसाय जगत में टैक्नोलॉजी की बढ़ती भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि सही प्रकार से उपलब्ध तकनीकों में से प्रभावी अनुप्रयोगों का चयन इनके सफलता की कुंजी है।
मुख्य वक्ता के रूप में अपने सम्बोधन में ख्यातिप्राप्त मानव संसाधन विशेषज्ञ एवं रिलायंस जिओ मार्ट के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी डा. अनिल कुमार मिश्रा ने वैश्विक संस्थानों मे एचआर प्रक्रिया में चल रहे सुधार एवं परिवर्तनों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान की सबसे बड़ी चुनौती प्रतिष्ठानों की अपेक्षाओं तथा उपलब्ध मानव संसाधन को उनके अनुसार प्रवीण कार्मिकों का चयन तथा उनकी तैयार करना है। उन्होंने विभिन्न तकनीकों जिसमें डाटा साइंस, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग के अनुप्रयोगों जैसे चैटबोट्स के बारे में विस्तार से चर्चा की।
जी मीडिया के वरिष्ठ मानव संसाधन प्रबंधक शुभम त्रिपाठी ने मानव संसाधन के क्षेत्र मे सेवायोजन की पूरी प्रक्रिया के ज्यादा प्रभावी बनाने में सूचना प्रद्योगिकी एवं अन्य टैक्नोलाजी के योगदान तथा इसके वाणिज्यिक अनुप्रयोगों पर चर्चा करते हुए कहा कि इस तकनीक की प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति एवं प्रभावी सुधारों में बड़ी भूमिका निभायी है। उन्होंने मानव संसाधन विकास में पूरी प्रक्रिया के डिजिटलीकरण के प्रयास की सराहना की।
अपने सम्बोधन में माईवेज एवन के संस्थापक एवं सीईओ सम्यक जैन ने एचआर के क्षेत्र मे बढ़ती तकनीकी विकास एवं इसके अनुप्रयोगों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए विभिन्न विशेष रूप से प्रतिष्ठानों में उपयोग होने वाली तकनीकों पर विस्तार से चर्चा की। मानव संसाधन विभाग के महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा करते हुए विभिन्न बिजनेस माडल पर चर्चा करते हुए कहा कि तकनीकी विकास एवं एचआर में इसके उपयोगिता न केवल एचआर प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बना रही वरन सभी के लिए सुगमता भी ला रही है। उन्होंने आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के बारे में महत्वपूर्ण चर्चा करते हुए इसके विकास, अनुप्रयोगों के साथ-साथ शोध कार्यों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में प्रोफेसर अनुभा श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस सम्मिट में देश एवं विदेश के लगभग 750 लोगों ने भाग लिया।