- रिजर्व पुलिस लाइन्स, लखनऊ में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित
- अमृतकाल भारत को महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का स्वर्णिम अवसर
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से जिन पंचप्रणों से जुड़ने का संकल्प लेने के लिए कहा था, उन्हीं पंचप्रणों के माध्यम से भारत दुनिया में एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्तव्यों का सजगतापूर्वक पालन करे, तो आजादी के शताब्दी महोत्सव तक भारत दुनिया की प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित हो जायेगा। अमृतकाल भारत को महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का स्वर्णिम अवसर है।
मुख्यमंत्री ने यहां रिजर्व पुलिस लाइन्स, लखनऊ में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वह आज स्वयं वृन्दावन, मथुरा की पावनधरा से होकर आ रहे हैं। वृन्दावन, मथुरा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के सहभागी बने। यह उत्सव आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। आज से 5 हजार वर्ष पहले श्रीकृष्ण ने वृन्दावन, मथुरा की धराधाम पर अवतरित होकर विश्व मानवता को निष्काम कर्म की प्रेरणा दी थी। उन्होंने कहा कि कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ॥ गीता का यह श्लोक एक मंत्र के रूप में प्रतिष्ठित हुआ है। जिसने भी इस मंत्र को अंगीकार किया, उसका उद्धार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की 5 हजार वर्षों की विरासत एक धरोहर के रूप में विद्यमान है। इस अध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखने के लिए पूरे देश व प्रदेश की जनता के साथ-साथ पुलिसकर्मी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को भव्यता के साथ मना रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया एवं दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान ने मुख्यमंत्री को भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा व अंगवस्त्र भेंट किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।