गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण के कारण निराश्रित हुए बच्चों का सहारा देने के लिए उनकी पढ़ाई, आजीविका के लिए चा हजार रुपए माह देने की योजना का आज शुभारंभ लखनऊ में किया गया। उक्त योजन के तहत गाजियाबाद में भी 291 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें से सौ बच्चों का चयन किया गया। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम के सजीव प्रसारण के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां प्रदेश के मुखिया द्वारा स्वयं कोरोना काल में निराश्रित एवं अनाथ हुए बच्चों की सुध लेते हुए उनको मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य कोरोना वैश्विक महामारी में अनाथ व निराश्रित हुए बच्चों की देखभाल करते हुए उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी करना है। मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल ने बताया कि जनपद में 291 आवेदन पत्र प्राप्त हुए जिनमें से 100 बच्चों को योजना के तहत चयनित करते हुए उनके अभिभावकों के खातों में तीन माह की धनराशि भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि चयनित बच्चों में 39 बालिकाएं एवं 61 बालक हैं। इनमें से 12 बच्चे ऐसे हैं जो माता-पिता दोनों को खो चुके हैं एवं 88 बच्चों ने माता पिता में से किसी एक को खोया है। कलेक्ट्रेट में आयोजित कार्यक्रम में 10 बच्चों को प्रतीक स्वरूप मेयर आशा शर्मा, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह व मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल द्वारा स्वीकृति पत्र प्रदान किये गये।