- दिसंबर माह में विधानमंडल सत्र के दौरान सीने में दर्द होने पर कराया गया था भर्ती
- सीएम योगी भी उन्हें देखने गए थे अस्पताल
- शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर ले जाया गया अस्पताल
लखनऊ। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष, पूर्व कैबिनेट मंत्री अहमद हसन का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके निधन की खबर से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदि ने गहरी संवेदना व्यक्त की हैं। अहमद हसन पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी थे। मुलायम सरकार व अखिलेश यादव की सरकार में उन्हें खूब तवज्जो दी जाती थी। सपा उन्हें हर बार एमएलसी बनाती थी। मुलायम सिंह यादव ने भी उनके निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के सत्र के दौरान 16 दिसंबर को सीने में दर्द की शिकायत होने के बाद उनको दिक्कत के बाद गुरुवार को केजीएमयू के लॉरी कॉडियोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया था। जहां उनसे मिलने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे थे।
88 वर्षीय अहमद हसन को तबीयत अधिक खराब होने के कारण शुक्रवार रात को डा. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था। वह सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी थे। समाजवादी पार्टी की सभी सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। उनके पास स्वास्थ्य तथा शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय थे। अस्पताल प्रशासन का कहना है की करीब 10 दिन पहले उन्हें गंभीर अवस्था में लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया था। पूर्व मंत्री अहमद हसन को दो माह पहले दिल की गंभीर बीमारी हुई थी। उन्हें लारी कार्डियोलॉजी में भर्ती कराया गया था। जहां उन्हें पेसमेकर लगाया गया था इसके बाद वह कोरोना की चपेट में आ गए थे। कोरोना से जंग जीतने के बाद फैक्चर हो गया। परिवारीजनों ने उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनकी हालत गंभीर बताई गई। आनन-फानन उन्हें लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया था।