- जनपद में छह महिलाओं ने कराई नसबंदी
- 40 ने आईयूसीडी और पीपीआईयूसीडी अपनाई
- 25 महिलाओं ने लगवाया अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन
हापुड़। इस बार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस (पीएमएसएमए) पर परिवार नियोजन अभियान पर भी अच्छा काम हुआ। सोमवार को हुए इस विशेष आयोजन के दौरान जनपद में जहां छह महिलाओं ने स्वेच्छा से नसबंदी कराकर परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपना लिया, वहीं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए 20 महिलाओं ने आईयूसीडी और 20 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी अपनाकर परिवार नियोजन का अस्थाई साधन अपनाया। इतना ही नहीं 25 महिलाओं ने तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा पर भी भरोसा जताया। परिवार नियोजन कार्यक्रम और पीएमएसएमए के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. प्रवीण शर्मा ने बताया कि सोमवार को जनपद की सभी इकाइयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के तहत गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच की गईं। अभियान का उद्देश्य समय रहते हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) को चिन्हित करना और गर्भवती टीकाकरण के साथ-साथ पोषण को लेकर काउंसिलिंग करना है। इस मौके पर परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत छह महिलाओं की नसबंदी की गई। इसके साथ ही पूरे जनपद में कुल 40 महिलाओं ने आईयूसीडी और पीपीआईयूसीडी अपनाई। इसके अलावा 25 महिलाओं ने तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा पर भरोसा जताया है। जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि पीएमएसएमए दिवस के दौरान गर्भवती महिलाओं की प्रसवोपरांत परिवार नियोजन (पीपीएफपी) अपनाने के लिए भी काउंसलिंग की गई। इस मौके पर 115 छाया और 230 माला-एन गर्भ निरोधक गोलियां भी वितरित की गईं।
परिवार नियोजन के लिए बेहतर उपाय हैं आईयूसीडी और पीपीआईयूसीडी : डा. रेखा शर्मा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) और महिला रोग विशेषज्ञ डा. रेखा शर्मा ने बताया- आईयूसीडी और पीपीआईयूसीडी सुरक्षित और कारगर परिवार नियोजन के अस्थाई साधन हैं। आईयूसीडी दो प्रकार की होती है, एक दस वर्ष तक काम करती है और दूसरी पांच वर्ष तक। यह एक छोटी सी डिवाइस होती जो गर्भाशय में लगा दी जाती है ताकि स्पर्म और एग न मिल सकें और गर्भधारण की प्रक्रिया रूकी रहे। जब बच्चा चाहें तो इस डिवाइस को चिकित्सक के पास जाकर निकलवा दें। पीपीआईयूसीडी भी एक तरह की डिवाइस ही है। यह प्रसव के तुरंत बाद महिला के गर्भाशय में लगाई जाती है। दो बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर रखने के लिए यह एक बेहतरीन उपाय है।