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निक्षय मित्र बन टीबी मरीजों की मदद को आगे आई इंजीनियर

  • प्रधानमंत्री के मन की बात से प्रभावित होकर पांच क्षय रोगियों को लिया गोद
  • पोषाहार उपलब्ध कराने के साथ भावनात्मक सहयोग का भी दिया भरोसा
    गाजियाबाद।
    पूरे देश के साथ ही जनपद में भी टीबी के खात्मे की लड़ाई तेज हो चुकी है। सूबे की राज्यपाल की प्रेरणा से शुरू हुआ क्षय रोगियों को गोद लेने का सिलसिला अब राष्ट्रीय स्वरूप ले चुका है। तमाम संस्थाओं और सामाजिक संगठनों के अलावा व्यक्तिगत रूप से भी लोग क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए आगे आ रहे हैं। जनपद में एक महिला इंजीनियर ने निक्षय मित्र बनकर क्षय रोगियों के लिए नई आस जगाने का काम किया है। सिद्धार्थ विहार स्थित गौर सिद्धार्थम में रहने वाली प्रियंका प्रियदर्शिनी ने शनिवार को विजयनगर स्थित टीबी यूनिट पर पहुंचकर पांच क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार उपलब्ध कराया। इस मौके पर वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक चंद्रप्रकाश गौड़ भी मौजूद रहे।
    प्रियंका प्रियदर्शिनी ने बताया कि उन्होंने 25 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री के ह्लमन की बातह्व कार्यक्रम को रेडियो पर सुना था। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने की परिकल्पना रखी और इस लड़ाई में सभी देश वासियों से एकजुट होकर टीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने का आह्वान किया था। कार्यक्रम को सुनने के बाद मुझे लगा कि निक्षय मित्र बनकर मैं भी इस लड़ाई मेंसहभागी बन सकती हूं। बस उसी दिन से ठान लिया कि अपनी सामर्थ्य के मुताबिक क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार उपलब्ध कराऊंगी और भारत के टीबी मुक्त होने तक किसी न किसी तरह इस लड़ाई में अपनी भूमिका निभाती रहूंगी।
    प्रियंका ने बताया – क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए क्षय रोग विभाग से संपर्क किया। शनिवार को विजयनगर टीबी यूनिट पर पांच क्षय रोगियों को गोद लेकर उनका उपचार जारी रहने तक हर माह पुष्टाहार उपलब्ध कराने के साथ ही समय- समय पर सामाजिक एवं भावनात्मक सहयोग उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी प्रियंका प्रियदर्शिनी ने ली। उन्होंने क्षय रोग विभाग को यह भी आश्वस्त किया है कि नियमित रूप से दवा लेने के लिए क्षय रोगियों और उनके परिवार को प्रेरित करती रहेंगी।

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