गाजियाबाद। वसुंधरा सेक्टर-12 स्थित परमानंद वाटिका में कुत्तों का जमावड़ा है। वाटिका के झूलों और ग्रीन बेल्ट के पास हर समय कुत्ते बैठे रहते हैं। जिससे आसपास के बच्चे झूलों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। आरोप है कि कई बार कुत्तों ने बच्चों व महिलाओं पर हमला किया है। जिसके कारण बच्चे, महिला व बुजुर्गो ने सुबह व शाम के समय वाटिका में टहलना छोड़ दिया है। निगम में भी इसकी शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी। सेक्टर-12 स्थित परमानंद वाटिका में आरएचएम (रहम) फाउंडेशन व रोटरी क्लब आॅफ इंदिरापुरम गैलोर ने पार्क में जगह-जगह झूले लगवाए हैं ताकि बच्चों को इनका फायदा मिल सके। इसके साथ ही जगह-जगह हरियाली विकसित करने के लिए पौधे लगाए हैं। पार्क की देखभाल करने के लिए निजी खर्च पर माली भी रखा है। लेकिन कुत्तों के आतंक से वाटिका में प्रवेश करना भी मुश्किल हो रहा है। आरोप है कि ग्रीन बेल्ट की झुग्गी में रहने वाले लोगों ने कुत्ते पाल रखे हैं और इनको वाटिका व ग्रीन बेल्ट के आसपास खुला छोड़ दिया है। जिससे चारों तरफ कुत्तों के कारण वाटिका में गंदगी फैली है। वाटिका के मुख्य गेट, झूलों के पास और अन्य जगहों पर कुत्तों का जमावड़ा रहता है। सुबह व शाम के समय तो 8 से 10 कुत्ते एक साथ जमा हो जाते हैं और लोगों का वाटिका में आना जाना मुश्किल हो रहा है। कुत्तों के हमले के डर से बच्चे भी पार्क में झूला झूलने के लिए नहीं आते हैं। फ्रेंड्स को-आॅपरेटिव सोसायटी में रहने वाले व समाजसेवी डॉ धीरज भार्गव ने बताया कि परमानंद वाटिका में कुत्तों का आतंक चरम पर है। वाटिका में हर महीने कुत्ते 8 से 10 लोगों पर हमला कर रहे हैं। निगम अधिकारियों व पीएफए में शिकायत की जाती है, लेकिन समस्या पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। वहीं, डॉ मनीषा भार्गव ने बताया कि निगम को कुत्तों के रखरखाव के लिए अलग से जगह संरक्षित करनी चाहिए ताकि आम आदमी को कोई परेशानी न हो। ग्रीन बेल्ट पर अतिक्रमण कर झुग्गी में रहने वाले लोग कुत्ते पालते हैं और फिर खुला छोड़ रहे हैं। इससे बच्चों को पार्क के झूलों का कोई फायदा नहीं मिल रहा है। कुत्तों के कारण आसपास के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। उन्होंने बताया कि परमानंद वाटिका में कुत्तों की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत की गई है।